समग्र समाचार सेवा,
नई दिल्ली, 27 मई: भारत सरकार ने देश के निर्यात क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। 1 जून 2025 से देश के सभी निर्यातकों को टैक्स में बड़ी राहत मिलने जा रही है, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता और मजबूत होगी।
निर्यातकों के लिए बड़ी राहत: टैक्स छूट फिर से लागू
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, निर्यात पर मिलने वाली कर छूट की समयसीमा को बढ़ा दिया गया है। यह छूट पहले 5 फरवरी 2025 तक ही सीमित थी, लेकिन अब इसे आगे बढ़ाकर 1 जून 2025 से पुनः लागू किया जा रहा है। इस कदम से विशेष रूप से SEZ (Special Economic Zones), EOU (Export Oriented Units) और Authorised Economic Operators (AEO) को बड़ा फायदा होगा।
The Government of India has announced the restoration of benefits under the Remission of Duties and Taxes on Exported Products (RoDTEP) scheme for exports made by Advance Authorization (AA) holders, Export-Oriented Units (EOUs), and units operating in Special Economic Zones… pic.twitter.com/4zluAsUUE4
— ANI (@ANI) May 27, 2025
RODTEP योजना बनी गेमचेंजर
सरकार की प्रमुख RODTEP (Remission of Duties and Taxes on Exported Products) योजना, जो जनवरी 2021 में शुरू की गई थी, इस नई नीति का आधार है। यह योजना WTO के दिशानिर्देशों के अनुरूप तैयार की गई है और इसे पूरी तरह डिजिटल एवं पारदर्शी प्रणाली के तहत लागू किया जा रहा है। RODTEP योजना का उद्देश्य कोविड-19 के बाद के व्यापार घाटे की भरपाई और निर्यात को पुनः गति देना है।
2025-26 के लिए ₹18,233 करोड़ का बजटीय प्रावधान
सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए RODTEP योजना हेतु ₹18,233 करोड़ का बजट आवंटित किया है। इस सहायता से लगभग 10,780 घरेलू टैरिफ लाइनें और 10,795 विशेष श्रेणी की HS लाइनें कवर की जाएंगी। यह सुनिश्चित करेगा कि विभिन्न प्रकार के निर्यातकों को योजना का समुचित लाभ मिल सके।
भारत के लिए वैश्विक निर्यात का सुनहरा अवसर
नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाएं (supply chains) अब पुनर्गठित हो रही हैं और भारत के पास निर्यात बढ़ाने का एक अभूतपूर्व मौका है। भारत की मिड-टेक, लेबर-इंटेंसिव और कंज्यूमर केंद्रित इंडस्ट्रीज़ इस नीति से सीधे लाभान्वित होंगी। अब भारत केवल घरेलू बाजार तक सीमित नहीं, बल्कि एक तेज़ी से उभरती हुई वैश्विक प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है।
भारत सरकार का यह निर्णय न केवल निर्यातकों के लिए उत्साहजनक है, बल्कि यह देश को वैश्विक व्यापार मंच पर अधिक सशक्त स्थिति में लाने की दिशा में एक ठोस प्रयास है। नीति निर्माताओं की इस दूरदर्शिता से भारत की निर्यात क्षमता को एक नया संबल मिलेगा।
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