“नाकामी, लापरवाही, असंवेदनशीलता” – नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ पर विपक्ष का सरकार पर हमला

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,17 फरवरी।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में 18 लोगों की दर्दनाक मौत के बाद पूरे देश में आक्रोश है। विपक्षी दलों ने इस हादसे को लेकर केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है और इसे “सरकार की नाकामी, लापरवाही और असंवेदनशीलता” करार दिया है।

राहुल गांधी ने सरकार को घेरा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस घटना को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा,
“यह हादसा दिखाता है कि सरकार आम जनता की सुरक्षा को लेकर कितनी लापरवाह है। रेलवे में बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है, जिससे ऐसी त्रासदियां हो रही हैं। मोदी सरकार सिर्फ प्रचार में व्यस्त है, लेकिन लोगों की जान की परवाह नहीं है।”

लालू यादव बोले – “रेलवे बर्बाद कर दिया”

पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने मोदी सरकार की रेलवे नीतियों की आलोचना करते हुए कहा,
“रेलवे को मुनाफे से घाटे में डाल दिया गया है। स्टाफ की कमी, भीड़ नियंत्रण की असफलता और अव्यवस्था के कारण 18 निर्दोष लोगों की जान चली गई। यह सरकार रेलवे को संभाल नहीं पा रही है।”

अखिलेश यादव ने कहा – “अव्यवस्था की भेंट चढ़ी जिंदगियाँ”

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि यह हादसा सरकार की प्रशासनिक विफलता का नतीजा है। उन्होंने ट्वीट किया,
“नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में गई 18 निर्दोष लोगों की जान भाजपा सरकार की अव्यवस्था और नाकामी का परिणाम है। क्या सरकार इसकी जिम्मेदारी लेगी?”

मायावती ने मुआवजे को बताया “समाधान नहीं”

बसपा प्रमुख मायावती ने सरकार की असंवेदनशीलता पर सवाल उठाते हुए कहा,
“मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने से सरकार की ज़िम्मेदारी खत्म नहीं होती। असली जरूरत है कि ऐसी घटनाओं को रोका जाए और रेलवे में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएँ।”

सरकार की सफाई और विपक्ष का जवाब

रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि सरकार ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद दी जाएगी।

हालांकि, विपक्ष ने सरकार की इस प्रतिक्रिया को “खोखला आश्वासन” करार दिया और कहा कि जब तक रेलवे में बुनियादी सुधार नहीं होते, यात्रियों की सुरक्षा खतरे में बनी रहेगी।

जनता में भी आक्रोश, रेलवे पर उठे सवाल

इस हादसे के बाद जनता में भी रोष और डर का माहौल है। रेलवे में बढ़ती भीड़, अव्यवस्थित प्लेटफॉर्म्स, सुरक्षा बलों की कमी और अव्यवस्थित ट्रेन संचालन को लेकर यात्रियों ने कड़ी नाराजगी जताई है।

अब देखने वाली बात होगी कि क्या सरकार इस घटना से सबक लेती है या विपक्ष का हमला सिर्फ एक राजनीतिक बहस बनकर रह जाएगा।

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