समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 17अगस्त। पाकिस्तान कभी भी अपनी हरकतों से बाज नही आने वाला है। वह एक के बाद एक अपनी नीच हरकतों को अंजाम देने में कामयबा हो रहा है। आए दिन पाक से हिन्दू मंदिरों को नुकसान पहुंचाने की बात सामने आती रहती है।
पाकिस्तानी कट्टरपंथी ग्रुप तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान से जुड़े लोगों ने 17 जुलाई को लाहौर में महाराजा रहे रणजीत सिंह की प्रतिमा को तोड़ दिया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रतिमा को तोड़ने वाले लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने बताया है कि हमलावरों का मानना था कि मुस्लिम देश में सिख शासक की मूर्ति लगाना उनके धर्म के खिलाफ है।
बता दें कि यह पहली बार नही हुआ है बल्कि तीसरी बार लाहौर फोर्ट कॉम्प्लेक्स में रणजीत सिंह की प्रतिमा को तोड़ा गया है। महाराजा की 180वीं पुण्यतिथि पर जून 2019 में लाहौर किले में नौ फीट की मूर्ति का अनावरण किया गया था। इस प्रतिमा में रणजीत सिंह को घोड़े पर बैठे, हाथ में तलवार लिए और सिख पोशाक में दिखाया गया था। सिख साम्राज्य के पहले महाराजा सिंह ने करीब 40 सालों तक पंजाब सहित भारतीय उपमहाद्वीप के एक बड़े हिस्से पर शासन किया था। 1839 में उनकी मौत हो गई थी।
The statue of Maharaja Ranjeet Singh, outside the Haveli of Rani Jindan at Lahore fort, vandalised by a Tehrik-e-Labbaik worker. pic.twitter.com/M6zEA2Clx0
— Naila Inayat (@nailainayat) August 17, 2021
जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को निरस्त किए जाने से नाराज इन लोगों ने रणजीत सिंह की प्रतिमा को तोड़ डाला था। ये लोग तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान से जुड़े हुए थे। लाहौर पुलिस ने अपराधियों को पकड़ा था और कहा था कि, ‘यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हम लाहौर किले की सुरक्षा बढ़ाएंगे ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो।’
प्रतिमा को फिर से ठीक किया गया। मरम्मत हुई। लेकिन दिसंबर 2020 में फिर से इसे तोड़ दिया गया। अबकी फिर से तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान से जुड़े लोगों ने इस प्रतिमा को तोड़ा था। इस वक्त आरोपी का कहना था कि रणजीत सिंह ने मुस्लिमों को नुकसान पहुंचाया था, इसलिए उसकी प्रतिमा पाकिस्तान में नहीं होनी चाहिए।
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