समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4जनवरी।
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार किसानों का जारी प्रदर्शन के बीच आज 7वें दौर की वार्ता हो सकती है। इससे पहले 30 दिसंबर को किसान नेताओं संग केंद्र सरकार की बातचीत हुई थी. इसी कड़ी में सरकार द्वारा किसानों के कुछ मांगों को मान भी लिया गया था, जिनमें पराली जलाने को जुर्म की श्रेणी से बाहर लाया गया और दूसरी बिजली संसोधन विधेयक 2020।
किसानों की दो मुख्य मांगे हैं- पहली की तीनों नए कृषि कानूनों को खत्म करना और दूसरी न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी रूप देना. हालांकि अब तक इन दोनों मामलों में किसी तरह के बदलाव से सरकार द्वारा पिछली बैठक के बाद मना कर दिया गया था. हालांकि ऐसे कयास लगाए जा सकते हैं कि केंद्र और किसानों के बीच के गतिरोध को कम करने या खत्म करने में यह बैठक काफी अहम हो सकती है।
सोमवार के दिन होने जा रही वार्ता इसी बात पर टिकी है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करे। बता दें कि किसान संगठनों द्वारा चेतावनी दी गई है कि अगर उनकी मांगे पूरी न की गई तो हजारों की संख्या में किसान प्रदर्शनकारी 26 जनवरी के दिन होने वाले परेड के लिए राजधानी पहुंचेंगे. बता दें कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल और सोम प्रकाश केंद्र सरकार का नेतृत्व करेंगे. इस दौरान 40 किसान यूनियन के नेता वार्ता में शामिल होंगे।
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