वित्त मंत्री ने राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन का किया शुभारंभ, ‘परिसंपत्ति मुद्रीकरण’से जुड़े अधिदेश पर आधारित
एनएमपी के तहत केंद्र सरकार की मुख्य परिसंपत्तियों के जरिए 6.0 लाख करोड़ रुपये की कुल मुद्रीकरण क्षमता का अनुमान लगाया गया है
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 24अगस्त। केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज ‘राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी खंड 1 और 2)’ का शुभारंभ किया जो केंद्रीय मंत्रालयों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की परिसंपत्ति मुद्रीकरण पाइपलाइन है। यह पाइपलाइन नीति आयोग द्वारा अवसंरचना से संबंधित मंत्रालयों के परामर्श से विकसित की गई है जो केंद्रीय बजट 2021-22 के तहत ‘परिसंपत्ति मुद्रीकरण’से जुड़े अधिदेश पर आधारित है। एनएमपी के तहत वित्तीय वर्ष 2022 से लेकर वित्तीय वर्ष 2025 तक की चार साल की अवधि में केंद्र सरकार की मुख्य परिसंपत्तियों के जरिए 6.0 लाख करोड़ रुपये की कुल मुद्रीकरण क्षमता का अनुमान लगाया गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने पाइपलाइन का शुभारंभ करते हुए कहा, ‘परिसंपत्ति मुद्रीकरण कार्यक्रम हमारे माननीय प्रधानमंत्री के विजन से ही सटीक स्वरूप ले पाया है, जो सदैव भारत के समस्त आम नागरिकों के लिए बेहतरीन और किफायती बुनियादी ढांचागत सुविधाओं तक पहुंच में विश्वास करते हैं। मुद्रीकरण के माध्यम से सृजन के दर्शन पर आधारित परिसंपत्ति मुद्रीकरण का उद्देश्य नई बुनियादी ढांचागत सुविधाओं या अवसंरचना के निर्माण के लिए निजी क्षेत्र के निवेश का उपयोग करना है। यह रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए अत्यंत आवश्यक है जिससे आर्थिक विकास की गति को तेज करने के साथ-साथ समग्र जन कल्याण के लिए ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों को निर्बाध रूप से एकीकृत करना भी संभव हो सकेगा।’ श्रीमती सीतारमण ने वर्तमान सरकार द्वारा बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के त्वरित विकास और निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए लागू किए गए समस्त सुधारों और पहलों के बारे में भी बताया। इसमें हाल ही में शुरू की गई ‘पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों को वित्तीय सहायता की योजना’ शामिल है, जिसके तहत राज्य सरकारों को नई या पहले से अविकसित (ग्रीनफील्ड) अवसंरचना के विकास में तेजी लाने के लिए राज्य सरकारों के स्वामित्व वाली परिसंपत्तियों का दोबारा उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) दरअसल नीति आयोग, वित्त मंत्रालय और संबंधित मंत्रालयों द्वारा विभिन्न हितधारकों के साथ किए गए परामर्शों के माध्यम से संचित की गई अंतर्दृष्टि, प्रतिक्रिया और अनुभवों का चरमबिन्दु है। नीति आयोग ने विभिन्न हितधारकों के साथ कई दौर की चर्चा की है। कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में हुई अंतर-मंत्रालयी बैठक में इस पाइपलाइन के बारे में विस्तार से विचार-विमर्श किया गया है। इसलिए यह पूरी तरह से एक सरकारी पहल है।
राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन
केंद्रीय बजट 2021-22 में स्थायी अवसंरचना निर्माण के वित्तपोषण के लिए वर्तमान में संचालित की जा रही सार्वजनिक अवसंरचना परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण की पहचान एक प्रमुख साधन के रूप में की गयी है। इसके लिए बजट में ब्राउनफील्ड अवसंरचना परिसंपत्तियों के सन्दर्भ में ‘राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी)’ तैयार करने का प्रावधान किया गया है। नीति आयोग ने अवसंरचना से जुड़े मंत्रालयों के परामर्श से एनएमपी पर रिपोर्ट तैयार की है।
एनएमपी का उद्देश्य सार्वजनिक परिसंपत्ति के मालिकों के लिए इस कार्यक्रम के सन्दर्भ में एक मध्यम-अवधि रोडमैप प्रदान करना है। इसके साथ ही निजी क्षेत्र की परिसंपत्तियों के बेहतर उपयोग के लिए उनकी वर्तमान स्थिति तथा संभावनाओं के बारे में भी जानकारी दी गयी है। एनएमपी पर रिपोर्ट को दो खंडों में बांटा गया है। खंड-I एक मार्गदर्शन पुस्तिका के रूप में है, जिसमें परिसंपत्ति मुद्रीकरण के वैचारिक दृष्टिकोण और संभावित मॉडल का विवरण दिया गया है। खंड-II में मुद्रीकरण के लिए वास्तविक रोडमैप दिया गया है, जिसमें केंद्र सरकार के तहत मुख्य अवसंरचना परिसंपत्तियों की पाइपलाइन शामिल है।
Comments are closed.