समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,15 जनवरी। देश की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित औद्योगिक संस्था एसोचैम (ASSOCHAM) पर वित्तीय कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और सरकारी व अन्य फंडों के दुरुपयोग के गंभीर आरोप लगे हैं। ये आरोप एसोचैम के पूर्व महासचिव दीपक सूद और उनके करीबी सहयोगियों पर लगाए गए हैं। आरोप है कि इन्होंने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) और संस्था की अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों के लिए मिले फंड्स का निजी लाभ के लिए दुरुपयोग किया।
गंभीर आरोपों की अनदेखी
कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि ASSOCHAM के प्रमुख संजय नायर ने भी इन गंभीर आरोपों पर कोई कार्रवाई नहीं की। बताया गया कि दीपक सूद ने नायर को अध्यक्ष बनाने में अहम भूमिका निभाई थी, जिससे दोनों के बीच ‘लेन-देन’ का रिश्ता बताया जा रहा है।
सरकारी एजेंसियों से जवाब तलब
भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने इस वित्तीय गड़बड़ी पर ASSOCHAM से जवाब मांगा था, लेकिन अब तक संस्था ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है। संस्था के कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, वित्त मंत्री, वाणिज्य मंत्री और केंद्रीय जांच एजेंसियों (CBI, ED) को पत्र लिखकर न्याय की मांग की है।
फंड का दुरुपयोग
रिपोर्ट्स के मुताबिक, Reckitt Benckiser, ITC, VOLVO और Accenture जैसी बड़ी कंपनियों से CSR और अन्य गतिविधियों के लिए इकट्ठा किए गए करीब 15-20 करोड़ रुपये का गबन किया गया। इस धन का उपयोग समाज कल्याण के लिए होना चाहिए था, लेकिन इसे निजी खर्चों में लगाया गया।
सबूत नष्ट करने का प्रयास
आरोप है कि ASSOCHAM के दफ्तर में जानबूझकर आग लगाकर बैंकिंग लेन-देन और CCTV फुटेज जैसी अहम दस्तावेज़ों को नष्ट किया गया। इससे संस्था की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
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