दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के करीब, सीएम रेखा गुप्ता ने किया प्रभावित इलाकों का दौरा

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 19 अगस्त: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से हालात गंभीर होते जा रहे हैं। मंगलवार (19 अगस्त) की सुबह नदी का पानी यमुना बाजार के आवासीय इलाकों में घुस गया, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति बन गई। स्थिति का जायज़ा लेने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता खुद मौके पर पहुंचीं और पानी में उतरकर लोगों से बातचीत की।

सीएम गुप्ता ने बताया कि सुबह पानी का स्तर 206 मीटर के करीब पहुंच गया था। उन्होंने कहा, “यह राहत की बात है कि पानी इससे आगे नहीं बढ़ा। हालांकि पानी का बहाव तेज़ है और फिलहाल निचले इलाकों में ही घुसा है। यहां लोग बसे हैं, लेकिन प्रशासन ने इन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। पानी, भोजन और मेडिकल सुविधाओं की व्यवस्था की गई है और सोलर लाइट भी उपलब्ध कराई जा रही है।”

सीएम ने खुद लिया स्थिति का जायज़ा

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि हालात आज या कल तक सामान्य हो सकते हैं, क्योंकि पानी उतरने की संभावना है। सोमवार को भी सीएम और मंत्री प्रवेश वर्मा ने यमुना में बढ़ते जलस्तर की समीक्षा की थी।
सीएम कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, “मुख्यमंत्री ने यमुना घाट और आसपास के क्षेत्रों का दौरा कर बाढ़ प्रबंधन की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने असीता घाट, यमुना छठ घाट, 12 नंबर रेगुलेटर और कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया और अधिकारियों को ज़रूरी निर्देश दिए।”

यमुना की स्थिति क्या है?

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मंगलवार सुबह 8 बजे यमुना का जलस्तर पुराने रेलवे पुल पर 205.79 मीटर दर्ज किया गया। यह स्तर निकासी सीमा 206 मीटर से थोड़ा कम है। सोमवार दोपहर नदी का स्तर 205.55 मीटर तक पहुंच गया था, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर था।

केंद्रीय बाढ़ कक्ष के एक अधिकारी के अनुसार, यमुना का जलस्तर वज़ीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जा रहे पानी के कारण लगातार बढ़ रहा है।

  • हथिनीकुंड बैराज से इस समय हर घंटे लगभग 38,361 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
  • वहीं, वज़ीराबाद बैराज से हर घंटे करीब 68,230 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।

पुराना रेलवे पुल नदी की धारा और संभावित बाढ़ पर नज़र रखने का अहम केंद्र है। दिल्ली में चेतावनी स्तर 204.50 मीटर है, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर तय है। अधिकारियों के मुताबिक, बैराज से छोड़ा गया पानी दिल्ली पहुंचने में 48 से 50 घंटे का समय लेता है।

हालात पर सरकार की नज़र

फिलहाल प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य के इंतज़ाम तेज़ कर दिए हैं। प्रभावित इलाकों में मेडिकल कैंप और राहत केंद्र बनाए गए हैं। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसी भी परिस्थिति में लोगों को दिक़्क़त न हो और हर ज़रूरी मदद तत्काल पहुंचाई जाए।

 

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