समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 24 मार्च। केंद्र सरकार रूस यूक्रेन युद्ध के सभी पहलुओं पर बारीकी से नजर रख रही है। केंद्र सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय के नेतृत्व में विभिन्न मंत्रालयों के एक समूह की ओर से यूक्रेन रूस संघर्ष से जुड़े सभी पहलुओं की समीक्षा की जा रही है। सरकार की ओर से इस संकट से देश के व्यापार पर पड़ने वाले प्रभावों का भी आकलन किया जा रहा है।
रूस के साथ व्यापार करने की हो रही समीक्षा
केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रश्नकाल के दौरान शिरोमणि अकाली दल के नेता नरेश गुजराल की ओर से पूछे गए एक पूरक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि ‘रूस के साथ व्यापार के क्षेत्र में पैदा हो रही समस्याओं के कारण सरकार भुगतान समेत विभिन्न पहलुओं की समीक्षा कर रही है। वित्त मंत्रालय के नेतृत्व में सरकार के विभिन्न मंत्रालयों से मिलकर बना एक समूह इन मामलों की समीक्षा कर रहा है।’
रूस के साथ व्यापार करने में दिक्कतें आ रहीःगुजराल
नरेश गुजराल ने कहा कि देश को रूस के साथ व्यापार करने में नित नई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पश्चिमी मुल्क दोहरा खेल खेल रहे हैं। एक तरफ तो वे रूस से पेट्रोलियम आयात करना जारी रखते हैं जबकि दूसरी तरफ हमें (भारत) रूस के साथ व्यापार नहीं करने का ज्ञान देते हैं। कई वर्षों से भारत की एक नीति थी। इसके तहत हम रूस के साथ रुपये का व्यापार करते थे।
भारत रूस से बहुत कम तेल खरीदता है
शिरोमणि अकाली दल के नेता नरेश गुजराल ने पूछा कि क्या सरकार इस मसले पर सोच रही है ताकि हमें नुकसान न हो और हम रूस से आयात जारी रख सकें… इस सवाल पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत रूस से बहुत कम तेल खरीदता है। यह हमारे आयात के एक फीसद से भी कम है जबकि दूसरे देश 10, 15, 20 गुना… ज्यादा आयात करते हैं।
पड़ोसी मुल्कों में तेजी से घटनाक्रम हो रहेःजयशंकर
राष्ट्रीय जनता दल के नेता मनोज झा के एक अन्य पूरक सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत की नीति पर बहुत स्पष्ट है। यह आपसी विश्वास पर आधारित है। इसके तहत देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान किया जाना चाहिए। पड़ोसी मुल्कों में तेजी से घटनाक्रम हो रहे हैं। यह स्पष्ट रूप से हमारे ध्यान में है। हम बहुत सावधानी से इन घटनाओं की निगरानी कर रहे हैं।
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