विदेश सचिव विक्रम मिस्री की वाशिंगटन यात्रा से भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को नई ऊर्जा

समग्र समाचार सेवा,

वॉशिंगटन डीसी, 31 मई:  विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 27 से 29 मई तक अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी का तीन दिवसीय दौरा किया, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फरवरी में घोषित कॉम्पैक्ट पहल (Catalyzing Opportunities for Military Partnership, Accelerated Commerce and Technology) की कड़ी में एक महत्वपूर्ण पड़ाव रहा। इस यात्रा का उद्देश्य भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा देना और साझा वैश्विक हितों पर समन्वय को मजबूत करना था।

मिस्री ने अमेरिका के विदेश विभाग, रक्षा विभाग, वित्त विभाग, वाणिज्य विभाग और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के वरिष्ठ अधिकारियों से संवाद किया। बातचीत का केंद्र रक्षा सहयोग, उभरती तकनीकों में साझेदारी, व्यापारिक तालमेल, वैश्विक रणनीतिक संतुलन और आतंकवाद विरोध जैसे प्रमुख मुद्दे रहे।

तकनीक, व्यापार और प्रतिभा: 21वीं सदी की साझेदारी के स्तंभ

विदेश सचिव और अमेरिका के उप विदेश मंत्री क्रिस्टोफर लानडाउ के बीच हुई बैठक में द्विपक्षीय साझेदारी की समग्र समीक्षा की गई। दोनों पक्षों ने माना कि तकनीक, व्यापार और प्रतिभा भारत-अमेरिका साझेदारी के तीन प्रमुख स्तंभ हैं, जो 21वीं सदी में वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए आवश्यक हैं।

व्यापार, निर्यात नियंत्रण और रणनीतिक संवाद

मिस्री ने वाणिज्य विभाग के अंडर सेक्रेटरी जेफ़्री केसलर से मुलाकात कर उभरती तकनीकों में सहयोग, आईटीएआर (International Traffic in Arms Regulations) जैसे निर्यात नियंत्रण नियमों को सरल बनाने और रणनीतिक व्यापार संवाद की आगामी बैठक की रूपरेखा पर चर्चा की।

रक्षा सहयोग पर गहन चर्चा

रक्षा विभाग में डिप्टी सेक्रेटरी स्टीव फाइनबर्ग और अंडर सेक्रेटरी एल्ब्रिज कोल्बी के साथ चर्चा में सह-निर्माण, सह-विकास, संयुक्त सैन्य अभ्यास, लॉजिस्टिक्स सहयोग और सूचना साझेदारी पर गहन मंथन हुआ।

वित्तीय सहयोग और FATF पर समन्वय

वित्त विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी माइकल फॉल्केंडर के साथ हुई बैठक में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में सहयोग, भारत-अमेरिका आर्थिक संबंधों को गहरा करने, और FATF प्रक्रियाओं में समन्वय जैसे विषयों पर चर्चा हुई।

उद्योग और थिंक टैंक प्रतिनिधियों के साथ संवाद

विदेश सचिव ने उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्रीनिवास कपूर के साथ अमेरिकी उद्योग जगत और थिंक टैंक समुदाय के प्रतिनिधियों से गोलमेज बैठक की। इसमें उभरती तकनीकों, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं, क्वाड, I2U2 (भारत, इज़रायल, यूएई, अमेरिका) और IMEEC (इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर) जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर विचार हुआ।

भारत ने जताया संतोष

विदेश मंत्रालय के अनुसार यह यात्रा “भारत-अमेरिका रणनीतिक रिश्तों को गहरा और अधिक परिणामकारी बनाने की दिशा में एक सफल पहल” थी। बातचीतों में मिले साझा दृष्टिकोण और सहयोग की भावना ने स्पष्ट किया कि दोनों देश वैश्विक मंच पर एक मजबूत साझेदार के रूप में उभर रहे हैं।

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