समग्र समाचार सेवा
पणजी, 28सितंबर। गोवा के पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता लुइजिन्हो फेलेरो ने सोमवार को विधायक और पार्टी से इस्तीफा दे दिया और बुधवार को कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की अटकले लगाई जा रही है। लेकिन इससे पहले फलेरियो ने सोनिया गांधी को एक चिठ्ठी लिखी है जिसने एक बार फिर कांग्रेस में उथल पुथल मचा दी है।
फेलेरो ने कहा कि मैंने एक विधायक के रूप में इस्तीफा दे दिया है, लेकिन मैं कांग्रेस परिवार का हिस्सा हूं।
पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में उन्होंने दावा किया है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के कारण साल 2017 में बहुमत होते हुए भी सरकार नही बन पाई थी।
दरअसल लुइजिन्हो फेलेरो सोनिया गांधी के करीबी नेताओं में से एक हैं, उन्होंने अपने पत्र में बिना किसी के नाम का जिक्र करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह पर आरोप लगाया है। उन्होंने अपनी चिठ्ठी में लिखा कि उनकी वजह से ही साल 2017 में कांग्रेस गोवा में अपनी सरकार बनाने में चूक गई थी। फेलेरो ने कहा कि साल 2017 के विधासभा चुनाव बाद कांग्रेस के पार 21 सीटों का समर्थन था लेकिन कांग्रस प्रभारी ने उन्हें राज्यपाल के पास जाने से रोक दिया।
ज्ञात हो कि 2017 में दिग्विजय सिंह गोवा कांग्रेस के प्रभारी थे। फेलेरो ने सोनिया गांधी को लिखे इस पत्र में कहा कि उस वक्त उनके नेतृत्व में कांग्रेस के 17 विधायकों ने अपने अपने विधानसभा क्षेत्र में जीत हासिल की थी। इसके अलावा भी उनके समर्थन में एक निर्दलीय विधायक था। कुल चार विधायकों के समर्थन से कांग्रेस के पास 21 विधायक थे, यानी बहुमत का आंकड़ा था। फेलेरो ने आरोप लगाया कि प्रभारी ने उन्हें राज्यपाल के पास जाने से रोक दिया और 24 विधायकों के समर्थन तक इंतजार करने को कहा। इस बीच बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा जुटाकर सरकार बना ली।
फेलेरो ने कहा कि इस घटना से बेहद आहात हुए है उन्होंने गोवा में कांग्रेस को एक “क्रूर पैरोडी” के रूप में कहा और 13 कांग्रेस विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद जवाबदेही की कमी पर सवाल उठाया है। फेलेरो ने कहा कि उनके इस्तीफा का सबसे बड़ा कारण यही है कि अब गोवा में वो कांग्रेस नहीं बची जिसके लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी थी।
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