पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की बढ़ी मुश्किलें, प्रवर्तन निदेशालय ने नागपुर में स्थित दो जगहों पर मारा छापा

समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 18जुलाई। प्रवर्तन निदेशालय ने आज रविवार को एक बार फिर से महाराष्‍ट्र के पूर्व गृह मंत्री व एनसीपी नेता अनिल देशमुख के नागपुर स्थित दो जगहों पर छापेमारी की है. आज सुबह से ही ईडी की टीम ने कड़ी सुरक्षा की तैनाती के बीच अपनी कार्रवाई शुरू की. ईडी की अभी सर्च जारी है।

बता दें प्रवर्तन निदेशालय ने बीते शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देखमुख और उनके परिवार के खिलाफ जबरन वसूली-सह-घूसखोरी मामले से जुड़ी धनशोधन की जांच के संबंध में उसने 4.20 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्ति कुर्क की है. धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मुंबई के वर्ली में 1.54 करोड़ रुपए मूल्य के एक फ्लैट और रायगढ़ जिले के धुतुम गांव में 2.67 करोड़ रुपए मूल्य के 25 भूखंडों को कुर्क करने के शुरुआती आदेश जारी किए गए थे।

केंद्रीय जांच एजेंसी ED ने आरोप लगाया कि कुर्क की गई संपत्तियां देशमुख के लाभकारी स्वामित्व वाली है।
ईडी द्वारा पूछताछ के लिए भेजे गए कम के कम तीन समन के बावजूद देशमुख (72) जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए केंद्रीय एजेंसी ने उनके बेटे ऋषिकेश और पत्नी को भी तलब किया था लेकिन उन्होंने भी बयान दर्ज कराने से इनकार कर दिया. ये समन महाराष्ट्र पुलिस से संबंधित 100 करोड़ रुपये के कथित घूस-सह-वसूली मामले के संबंध में पीएमएलए के तहत दर्ज मामले के सिलसिले में जारी किए गए थे। इसी मामले के चलते देशमुख को इस साल अप्रैल में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

ईडी ने दावा किया थी कि उसकी जांच में पता चला कि ”महाराष्ट्र के गृह मंत्री के तौर पर काम करते हुए देशमुख ने गलत मंशा से मुंबई पुलिस के तत्कालीन सहायक पुलिस निरीक्षक (अब निलंबित) सचिन वाजे के माध्यम से विभिन्न ऑर्केस्ट्रा बार मालिकों से अवैध तौर पर लगभग 4.70 करोड़ रुपये नकद प्राप्त किए.” ईडी ने कहा, “इसके अलावा, दिल्ली स्थित छद्म कंपनियों की मदद से देशमुख परिवार ने इसमें से 4.18 करोड़ रुपये का शोधन किया और इसे श्री साई शिक्षा संस्था नाम के ट्रस्ट को मिली रकम के तौर पर प्राप्त बता बेदाग दिखाया। ”

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