समग्र समाचार सेवा
बेंगलुरू, 25 सितंबर। कावेरी जल बंटवारे के मुद्दे पर जद (एस) सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने कहा है कि मैंने मौजूदा स्थिति पर पीएम से अपील की है. उन्होंने कहा ,’पीएम को लिखे अपने पत्र में मैंने लिखा है कि जल शक्ति विभाग को एक समीक्षा याचिका दायर करनी चाहिए और पानी और स्थिति का अध्ययन करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति को कर्नाटक भेजा जाना चाहिए.’ एचडी देवेगौड़ा कावेरी जल-बंटवारे मुद्दे पर अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भावुक हो गए.
उन्होंने कहा, ‘मैं केंद्र से कर्नाटक में एक टीम भेजने और उन्हें राज्य में वर्तमान जल स्थिति की जांच करने का अनुरोध करता हूं. मैं राजनीति या सत्ता के लिए जीवित नहीं हूं. हम यहां राज्य के लोगों को बचाने के लिए हैं.’
जानें क्या है कावेरी जल विवाद
कावेरी नदी दक्षिण पश्चिम कर्नाटक के पश्चिमी घाट की ब्रह्मगिरी पहाड़ी से निकलती है. यह नदी कर्नाटक से तमिलनाडु (Tamilnadu) राज्यों में होकर पुडुचेरी से होते हुए बंगाल (Bengal) की खाड़ी में गिरती है. यह जल विवाद आजादी से पहले के दो समझौतों 1892 और 1924 के चलते है. इन समझौतों के तहत किसी भी निर्माण परियोजना, जैसे कावेरी नदी पर जलाशय के निर्माण के लिए ऊपरी तटवर्ती राज्य को निचले तटवर्ती राज्य की अनुमति लेना जरूरी है. साल 1974 में कर्नाटक ने तमिलनाडु की सहमति के बिना पानी मोड़ना शुरू कर दिया, जिससे दोनों राज्यों में पानी को लेकर विवाद हो गया. इस मुद्दे को हल करने के लिए साल 1990 में कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण की स्थापना की गई.
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