दिल्ली में बहुमंजिला इमारत गिरने के 30 घंटे बाद मलबे से चार लोगों को जीवित निकाला गया

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 30 जनवरी।
दिल्ली के बुराड़ी इलाके में गिरी बहुमंजिला इमारत के मलबे से 30 घंटे बाद चमत्कारिक रूप से एक ही परिवार के चार सदस्यों को जीवित बाहर निकाला गया। बचाए गए लोगों में 30 वर्षीय राजेश, उनकी 26 वर्षीय पत्नी गंगोत्री, 6 वर्षीय बेटा प्रिंस और 3 वर्षीय बेटा ऋतिक शामिल हैं। मंगलवार देर रात इन्हें सुरक्षित बाहर निकालकर पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया।

कैसे बची परिवार की जान?

अधिकारियों के अनुसार, इमारत की छत का एक बड़ा हिस्सा एलपीजी सिलेंडर पर गिर गया, जिससे मलबे के अंदर एक खाली जगह बन गई और परिवार उसमें फंस गया। इस जगह के कारण वे पूरी तरह दबने से बच गए और जीवित रहने में सफल रहे। राजेश ने अपनी जान बचने को भगवान का आशीर्वाद बताया।

घटना और बचाव कार्य

सोमवार शाम को नई बनी इस इमारत के ढहने से अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 21 अन्य को सुरक्षित निकाला जा चुका है। दिल्ली पुलिस, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और अग्निशमन दल का संयुक्त बचाव अभियान जारी है और उम्मीद है कि यह अभियान गुरुवार तक चलेगा।

मलबे के अंदर संघर्ष और डर

राजेश ने बताया कि मलबे में फंसे रहने के दौरान उन्होंने बाहर से मदद के लिए आवाजें लगाईं, लेकिन कोई नहीं सुन सका। उन्होंने कहा, “हम भूख और प्यास से तड़प रहे थे। बच्चों को बचाने के लिए हमने उन्हें टमाटर, मूंगफली और गुड़ खिलाया। ऑक्सीजन की कमी थी और घुटन महसूस हो रही थी। चारों ओर अंधेरा था, कोई हवा या रोशनी नहीं थी, सिर्फ ऊपर से क्रेन और जेसीबी की आवाजें सुनाई दे रही थीं। हमें डर था कि अगर छत और गिरी, तो हम बच नहीं पाएंगे।”

मालिक की गिरफ्तारी और जांच जारी

इस घटना के बाद, दिल्ली पुलिस ने इमारत के मालिक योगेंद्र भाटी को गिरफ्तार कर लिया है। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। प्रशासन ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है और बचाव कार्य पूरा होने तक अभियान जारी रखने की बात कही है।

यह दर्दनाक घटना एक बार फिर से अवैध और कमजोर निर्माण कार्यों पर सवाल खड़े करती है। प्रशासन ने कहा है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।

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