ऑटो ड्राइवर से मुख्यमंत्री तक: ऐसा रहा एकनाथ शिंदे का सियासी सफर

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,24 नवम्बर।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का राजनीतिक जीवन संघर्ष और सफलता की एक प्रेरणादायक कहानी है। एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर से राज्य के मुख्यमंत्री बनने तक का उनका सफर राजनीति में दृढ़ संकल्प, मेहनत और जनता के प्रति सेवा भावना का उदाहरण है।

शुरुआती जीवन और संघर्ष

एकनाथ शिंदे का जन्म महाराष्ट्र के सतारा जिले के छोटे से गांव में हुआ। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद साधारण थी। जीवनयापन के लिए उन्होंने ठाणे में ऑटो रिक्शा चलाने का काम शुरू किया। इसी दौरान वे समाजसेवा और राजनीति में सक्रिय होने लगे। बालासाहेब ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना से जुड़कर उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की।

शिवसेना में उभरते नेता

शिवसेना में जुड़ने के बाद, शिंदे ने ठाणे में जनता के मुद्दों को लेकर सक्रिय भूमिका निभाई। पार्टी के लिए उनके काम और मेहनत ने उन्हें जल्द ही पहचान दिलाई। 1997 में उन्हें ठाणे नगर निगम चुनाव में पार्षद चुना गया। उनकी लोकप्रियता और मेहनत के कारण 2004 में उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए टिकट मिला, और वे जीतकर विधायक बने।

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री बनने का सफर

विधायक बनने के बाद शिंदे ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जनता से जुड़े मुद्दों को उठाया। उनकी प्रतिबद्धता और अनुभव को देखते हुए उन्हें 2014 में महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया। उन्होंने सार्वजनिक कार्यों और शहरी विकास जैसे अहम विभागों का कार्यभार संभाला।

सियासी संघर्ष और बगावत

2022 में, एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के नेतृत्व से अलग होकर एक बड़ा राजनीतिक कदम उठाया। उन्होंने पार्टी के विधायकों के साथ विद्रोह किया, जिसके चलते महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मच गई। इस बगावत के बाद शिंदे को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का समर्थन मिला और वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने।

मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल

मुख्यमंत्री बनने के बाद शिंदे ने जनता के लिए कई बड़े फैसले लिए। उनका फोकस ग्रामीण विकास, शहरी सुधार और आर्थिक विकास पर रहा। वे खुद को एक जननेता के रूप में स्थापित करने में सफल रहे।

एक प्रेरणादायक नेतृत्व

एकनाथ शिंदे का जीवन उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो साधारण परिस्थितियों में रहते हुए भी अपने सपनों को साकार करने का हौसला रखते हैं। उनकी कहानी बताती है कि दृढ़ निश्चय और मेहनत से कोई भी ऊंचाई हासिल की जा सकती है।

आज, एकनाथ शिंदे न केवल महाराष्ट्र की राजनीति का एक महत्वपूर्ण चेहरा हैं, बल्कि संघर्ष और सेवा के प्रतीक भी हैं।

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