जम्मू-कश्मीर की भौगोलिक तथा जलवायु परिस्थितियां औषधीय एवं सुगंधित द्रव्य वाले पौधों की खेती के पक्ष में हैं : डॉ. जितेन्‍द्र सिंह

डॉ. जितेंद्र सिंह हैबिटेट सेंटर दिल्ली में "नया कश्मीर" बनाने के तरीकों और उपायों पर भारतीय उद्योग परिसंघ के जम्मू-कश्मीर अध्याय के साथ बातचीत कर रहे थे

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 24दिसंबर। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री एवं पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को उद्योग निकाय, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) से युवाओं को लाभकारी रोजगार प्रदान करने के लिए जम्मू और कश्मीर में स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर आगे आने का आग्रह किया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कृषि-प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप्स की अपार संभावनाएं हैं क्योंकि यहां की भौगोलिक तथा जलवायु परिस्थितियां औषधीय एवं सुगंधित द्रव्य वाले पौधों की खेती के पक्ष में हैंI उन्होंने कहा कि अरोमा मिशन अथवा बैंगनी क्रांति की सफलता किसानों और युवा उद्यमियों दोनों के लिए लाभकारी स्थिति बनने के प्रस्ताव के साक्ष्य देती है।

भारतीय उद्योग परिसंघ के जम्मू-कश्मीर खंड (चैप्टर) के साथ बातचीत करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जीवन के सभी क्षेत्रों के वास्तविक हितधारकों को इस केंद्र शासित प्रदेश के समग्र विकास के लिए खुले मष्तिष्क से सामने आना चाहिए। मंत्री महोदय ने याद किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले वर्ष ही जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक प्रतिनिधियों से भेंट के समय दिल्ली की दूरी (दिल्ली से दूरी) के साथ-साथ दिल की दूरी (दिल से दूरी) को भी हटाने का आह्वान किया था। उन्होंने जोड़ा कि श्री मोदी के दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने के बाद, ही ‘मिशन जम्मू-कश्मीर’ पर जोर दिया गया था, जिसके बाद नव निर्मित केंद्र शासित प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जिसमें कई महत्वपूर्ण विकासात्मक परियोजनाओं और नए निवेशों के अलावा केंद्रीय मंत्रियों को शामिल करते हुए व्यापक सार्वजनिक आउटरीच कार्यक्रम बनाए गए हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू- कश्मीर में कृषि-प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप्स के सफल उद्यमों के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसन्धान परिषद और परमाणु ऊर्जा विभाग के विभागों से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि अरोमा मिशन के अलावा, बायोटेक किसान हब ने सेब के बागों के कायाकल्प के अंतर्गत अब तक 40 बागों का कायाकल्प किया है और जिसके लिए पुराने तथा अनुत्पादक बागों को अधिक उत्पादक बागों में बदलने के लिए एक बहुत ही नवीन पद्धति का उपयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके सफल होने के लिए युवाओं को सरकारी नौकरी की मानसिकता छोड़नी होगी।

सीआईआई यूटी काउंसिल, जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश भारतीय उद्योग परिसंघ परिषद (सीआईआई यूटी काउंसिल, जे एंड के) के अध्यक्ष श्री सैयद एहसान जावेद ने कहा कि 5 अगस्त 2019 के बाद अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से ही उन्होंने सतत विकास के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में सक्रिय भूमिका निभाते हुए “केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को एक महत्वाकांक्षी गंतव्य बनाने और इसे निवेश, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और उन्नत बुनियादी ढांचे के लिए एक आकांक्षी गंतव्य बनाने” के विषय को अपनाया है।

जावेद ने कहा कि सीआईआई अब आगे बढ़ते हुए ऐसे क्षेत्रों में काम करना चाहेगा जहां इस केंद्र शासित प्रदेश के पास नीतिगत संवाद, क्षेत्रीय आयोजनों, व्यवसाय से व्यवसाय तक (बिजनेस टू बिजनेस – बी2बी) और व्यवसाय से सरकार (बिजनेस टू गवर्नमेन्ट – बी2जी) प्लेटफार्मों और निवेश बैठकों के माध्यम से बड़ी अप्रयुक्त क्षमता है। इसके लिए भारतीय उद्योग परिसंघ, जम्मू और कश्मीर सरकार के साथ काम करने के लिए विश्व भर में फैले अपने संसाधनों तथा विशाल नेटवर्क का लाभ उठाएगा।

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