भू-राजनीतिक तनाव के बीच सोना फिर बना ‘सेफ हेवन’

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 17 जुलाई: विश्व स्वर्ण परिषद (WGC) की एक ताजा रिपोर्ट ने वैश्विक निवेश बाजार में हलचल मचा दी है। रिपोर्ट के अनुसार, अगर वैश्विक आर्थिक हालात और भू-राजनीतिक तनाव और गहराते हैं, तो 2025 के अंत तक सोने की कीमतों में 15% तक की तेज़ बढ़ोतरी देखी जा सकती है। इस स्थिति में सोने की कीमत $3,839 प्रति औंस तक पहुंच सकती है, जो वर्तमान स्तर से काफी अधिक है।

रिपोर्ट का आकलन बताता है कि ऐसी परिस्थितियों में सोना एक बार फिर निवेशकों का पसंदीदा सेफ हेवन एसेट बनकर उभरेगा और सालाना 40% तक का संभावित रिटर्न दे सकता है।

बेस केस परिदृश्य: सीमित लेकिन स्थिर बढ़त

WGC की रिपोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि वैश्विक अस्थिरता सीमित रहती है, तो भी सोने की कीमतें स्थिर रहेंगी। इस स्थिति में 0 से 5 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी संभव है और निवेशकों को सालाना 25-30 प्रतिशत तक का लाभ मिल सकता है। इसका मतलब है कि सोना अब भी एक आकर्षक विकल्प बना रहेगा, भले ही संकट की तीव्रता कम हो।

डॉलर की मजबूती बन सकती है चुनौती

हालांकि परिषद ने आगाह किया है कि अमेरिकी डॉलर का दबाव सोने की कीमतों पर असर डाल सकता है। यदि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मज़बूत होते हैं और शेयर बाजार में स्थिरता आती है, तो निवेशकों का रुझान अधिक जोखिम वाली संपत्तियों की ओर जा सकता है। इस स्थिति में सोने की मांग थोड़ी कम हो सकती है।

संभावित गिरावट की चेतावनी

WGC ने एक और परिदृश्य का ज़िक्र किया जिसमें वैश्विक तनाव में कमी और निवेशकों का आत्मविश्वास लौटने से सोने की कीमतों में 12-17% तक की गिरावट हो सकती है। हालांकि परिषद का मानना है कि ऐसी स्थिति में भी साल 2025 का समापन हल्के सकारात्मक रिटर्न के साथ संभव है।

2025 की पहली छमाही में सोने का प्रदर्शन दमदार

रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 की पहली छमाही में सोने ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 26% की बढ़त दर्ज की है। अन्य प्रमुख मुद्राओं में भी दो अंकों का रिटर्न देखने को मिला है, जिससे यह साफ है कि वैश्विक अनिश्चितता के दौर में निवेशकों का भरोसा फिर से सोने में मज़बूती से लौटा है

 

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