गाजियाबाद में दूधेश्वर नाथ मंदिर पहुंचे योगी आदित्यनाथ, श्रवण कावड़ मेले की दी आध्यात्मिक शुरुआत

समग्र समाचार सेवा
गाजियाबाद, 20 जुलाई: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार सुबह गाजियाबाद के प्रसिद्ध दूधेश्वर नाथ मंदिर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने भगवान दूधेश्वर का रुद्राभिषेक कर श्रवण कावड़ मेले 2025 की आध्यात्मिक शुरुआत की। मंदिर प्रांगण में जैसे ही मुख्यमंत्री पहुंचे, हर-हर महादेव के जयघोष से वातावरण गूंज उठा।

भगवान दूधेश्वर का रुद्राभिषेक और कॉरिडोर निरीक्षण

मुख्यमंत्री ने विधिपूर्वक भगवान दूधेश्वर का जलाभिषेक किया। इस अवसर पर मंदिर के पीठाधीश्वर महंत नारायण गिरी ने मंत्रोच्चार और पारंपरिक विधियों से पूजा संपन्न करवाई। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर में चल रहे दूधेश्वर नाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया और निर्माण कार्य की प्रगति की जानकारी ली।

करीब 25 मिनट तक मंदिर परिसर में रहे योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से बातचीत भी की और मंदिर की व्यवस्थाओं की सराहना की। पूजा-अर्चना के बाद मुख्यमंत्री सीधे पुलिस लाइन के लिए रवाना हुए।

श्रवण मास का महत्त्व और मुख्यमंत्री का संदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंदिर में उपस्थित भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि श्रवण मास शिव भक्ति, तप और साधना का महीना है। उन्होंने कहा, “दूधेश्वर महादेव जैसे सिद्धपीठों का पुण्य प्रभाव ही है कि यहां आकर आत्मा को शांति और ऊर्जा मिलती है। मैंने भगवान दूधेश्वर से उत्तर प्रदेश की सुख-शांति, जनकल्याण और उन्नति के लिए प्रार्थना की है।”

उन्होंने आगे कहा कि गाजियाबाद का यह मंदिर केवल श्रद्धा का केंद्र नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति का जीवंत प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने मंदिर के विकास और भक्तों की सेवा में समर्पित रहने के लिए महंत नारायण गिरी को धन्यवाद दिया।

सेवा, सुरक्षा और संतुलन का प्रतीक बना दूधेश्वर परिसर

मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर में बनाए गए कावड़ सेवा शिविरों, स्वास्थ्य केंद्रों, शीतल जल वितरण केंद्रों और स्वयंसेवक तंत्र का निरीक्षण किया। उन्होंने नगर निगम, चिकित्सा विभाग, पुलिस प्रशासन और दूधेश्वर सेवा समिति की व्यवस्थाओं की खुले दिल से सराहना की।

इस मौके पर गाजियाबाद भाजपा महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल, विधायक संजीव शर्मा, सांसद अतुल गर्ग, और महापौर सुनीता दयाल समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। श्रद्धालुओं और कांवड़ियों की भारी भीड़ के बीच यह कार्यक्रम भक्ति, श्रद्धा और प्रशासनिक सजगता का अद्भुत संगम रहा।

 

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