गिरिराज सिंह ने साधा राहुल‑तेजस्वी पर निशाना, कहा चुनाव कमीशन की छवि धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 04 अगस्त: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और RJD नेता तेजस्वी यादव को आड़े हाथों लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों नेता “झूठ बोले जा रहे हैं और भ्रम फैला रहे हैं”। उन्होंने विशेष रूप से तेजस्वी यादव के लेकर कथित मतदाता पहचान पत्र संबंधी दावे की जांच के संकेत दिए हैं।

गिरिराज सिंह का तीखा हमला: “लोग भ्रमित कर रहे हैं”

केंद्रीय मंत्री ने संवाददाताओं से कहा:
“राहुल गांधी और तेजस्वी यादव सिर्फ झूठ बोलते हैं और जनता को भ्रमित करते हैं। SIR को लेकर वे झूठ फैला रहे हैं, और अपने ही EPIC नंबर को लेकर भी उन्होंने भ्रामक दावे उठाए। यही नहीं, उन्होंने संवैधानिक संस्था—निर्वाचन आयोग—की भी आलोचना की।”
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि तेजस्वी ने भविष्य के मुख्यमंत्री होने की दावी करते हुए भ्रम फैलाना जारी रखा, तो आयोग उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा।

 

SIR विवाद और EPIC बहस: क्या हैं तथ्य?

तेजस्वी यादव ने दावा किया कि उन्हें राज्य की ड्राफ्ट मतदाता सूची में नाम नहीं मिला। उन्होंने ऐसा EPIC नंबर प्रस्तुत किया जो चुनाव आयोग ने गैरकानूनी बताया:

  • असल EPIC नम्बर RAB0456228, जो 2020 से इस्तेमाल किया जा रहा है, सूची में शामिल है।
  • लेकिन तेजस्वी ने जो दूसरा EPIC (RAB2916120) पेश किया, वह चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं मिला या अभीतक जारी नहीं किया गया था। आयोग ने इसकीForgery की जांच शुरू कर दी है।

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि तेजस्वी का नाम बिहार की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में है (Serial No. 416, Digha विधानसभा क्षेत्र)। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 24 घंटों में RJD से किसी नेता ने नाम जोड़ने के लिए कोई आधिकारिक संपर्क नहीं किया।

राजनीतिक प्रतिक्रिया: कांग्रेस विपक्ष में, JDU ने भी किया पलटवार

गिरिराज सिंह ने कहा कि यह दावा केवल भ्रम फैलाने की राजनीति है, और तेजस्वी जैसे नेता जिम्मेदार व्यवहार करने की बजाय भ्रमित कर रहे हैं।
JDU नेता सम्राट चौधरी और उप मुख्यमंत्री द्वारा तेजस्वी को जमकर निशाने पर लिया गया और इसे “अर्थहीन आरोप” करार दिया गया। उन्होंने जोर देकर कहा कि SIR प्रक्रिया लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए प्रभारी है, न कि उसे कमजोर करने के लिए।

लोकतंत्र का संरक्षण या साजिश?

गिरिराज सिंह के आरोपों ने दो महत्वपूर्ण सवाल खड़े किए हैं:

  1. क्या SIR के विरोध में उठ रहे आरोप लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने हेतु राजनीतिक हथियार हैं?
  2. क्या तेजस्वी यादव जैसे नेता अपने मतदाता पहचान पत्र संबंधी दावे पूरे अनुरोधों द्वारा सत्यापन के लिए पेश करते समय पारदर्शिता दिखा रहे हैं?

लोकतंत्र तभी मजबूत होता है जब सभी नेता निष्पक्ष प्रक्रिया में भरोसा रखें, और अगर कोई भ्रम फैला रहा हो तो उसका जवाब कानूनी रूप से ही मिलना चाहिए—not बयानबाज़ी से।

 

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