भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन और अफ्रीकी संघ को जी20 में शामिल किया जाना देश की प्रमुख उपलब्धियां हैं: डॉ. जितेंद्र सिंह

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,11सितम्बर। केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, अंतरिक्ष तथा परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने हाल ही भारत में संपन्न जी20 शिखर सम्मेलन और जी20 नेताओं द्वारा स्वीकृत नई दिल्ली घोषणापत्र के परिणामों के बारे में मीडिया को जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने प्रस्तावित भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) का विशेष रूप से उल्लेख किया। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जी20 के माध्यम से “भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा” विभाजन के बाद इस क्षेत्र में विस्तारित और बहुत दूर तक संपर्क सुविधा बहाल करने की भारत की कल्पना को साकार करता है। उन्होंने कहा कि यह पहल संबंधित क्षेत्र में पाकिस्तान द्वारा भूमि का इस्तेमाल होने देने से इनकार करने और चीन द्वारा कथित तौर पर कनेक्टिविटी डिजाइनों से उत्पन्न हुई बाधाओं को दूर करेगी।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने भावुक होते हुए कहा कि यह समय व्यक्तिगत रूप से मुझे विभाजन-पूर्व भारत के ‘काबुलीवाला’ दिनों में लेकर चला गया था।

नई दिल्ली में कल जी20 शिखर सम्मेलन के अवसर पर मुख्य कार्यक्रम से इतर वैश्विक बुनियादी ढांचे एवं निवेश (पीजीआईआई) और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे के लिए साझेदारी पर अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ एक विशेष कार्यक्रम की सह-अध्यक्षता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर की घोषणा की।

भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे में भारत को खाड़ी क्षेत्र से जोड़ने वाला एक पूर्वी गलियारा और खाड़ी क्षेत्र को यूरोप से जोड़ने वाला एक उत्तरी गलियारा शामिल है। इसमें रेलवे और जलपोत-रेल पारगमन नेटवर्क तथा सड़क परिवहन मार्ग शामिल होंगे।

भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे से संबंधित समझौता ज्ञापन पर भारत, अमरीका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, यूरोपीय संघ, इटली, फ्रांस और जर्मनी ने हस्ताक्षर किए।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उल्लेख करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि बेहतर संपर्क सुविधा बहाल होने से न केवल व्यापार बढ़ता है, बल्कि यह बढ़ते हुए विश्वास के स्रोत के रूप में भी कार्य करता है। उन्होंने कहा कि भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा संबंधित क्षेत्र में पाकिस्तान और चीन द्वारा उनके मंसूबों से उत्पन्न हुई बाधाओं को दूर करने में सहायता करेगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसीलिए भारत ने एक रास्ता तलाश लिया है, जिससे वह न केवल आर्थिक गतिविधियों से जुड़ेगा, बल्कि वैश्विक समुदाय के बीच अधिक एकजुटता के कारणों से भी संबंध स्थापित करेगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जी20 दिल्ली घोषणापत्र में यूक्रेन जैसे विवादास्पद मुद्दों को “बिना किसी टाल-मटोल के और बहुत ही उचित तरीके से” निपटाया गया है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, घोषणापत्र में स्वीकार किया गया है कि जी20 का जनादेश आर्थिक सहयोग के लिए एक मंच के रूप में कार्य करना है, लेकिन साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना आवश्यक है कि युद्ध के परिणामस्वरूप आर्थिक संकट उत्पन्न होते हैं। ऐसी स्थिति में हम दुनिया भर में युद्धों और संघर्षों के अत्यधिक मानवीय कष्ट एवं प्रतिकूल प्रभाव पर गहरी चिंता के साथ ध्यान दे रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रमुख जैव ईंधन उत्पादकों एवं उपभोक्ताओं के रूप में भारत, ब्राजील व अमरीका के नेतृत्व में वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन वर्ष 2070 तक नेट जीरो बनने के भारत के एमडीजी लक्ष्यों को हासिल करने में अत्यधिक सहायता करेगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने जी20 संगठन में अफ्रीकी संघ के शामिल होने की सराहना की। उन्होंने कहा, नई दिल्ली शिखर सम्मेलन यह प्रदर्शित करता है कि विश्व आज प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन से भारत के नेतृत्व में चलने के लिए तैयार है और यह तथ्य जी20 को जी21 में बदलने के साथ ही इतिहास में दर्ज हो गया है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री ने एक ऐसे राष्ट्र के रूप में भारत की भूमिका स्थापित की है, जिसका अब कोई नेतृत्व नहीं कर सकेगा, बल्कि यह स्वयं नेतृत्व करने के लिए तैयार है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि जी20 में भारत की अध्यक्षता समावेशी, सामग्री में समृद्ध और पैमाने में संपन्न थी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि जी20 की बैठकों का आयोजन 60 शहरों में किया गया था और 220 से अधिक बैठकें आयोजित हुई थीं।

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