हैदराबाद से तिरुपति जा रही स्पाइसजेट फ्लाइट तकनीकी खराबी के चलते लौटी वापस, 80 यात्रियों की जान बची

समग्र समाचार सेवा
हैदराबाद, 19 जून: अहमदाबाद में हाल ही में हुए विमान हादसे के बाद देशभर में हवाई यात्रा की सुरक्षा को लेकर सतर्कता और सख्ती बढ़ गई है। इसी कड़ी में गुरुवार को हैदराबाद से तिरुपति के लिए रवाना हुई स्पाइसजेट की फ्लाइट SG 2696 को तकनीकी खराबी के कारण उड़ान के बीच में ही लौटना पड़ा। विमान को सुरक्षित रूप से हैदराबाद के राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतार लिया गया।

फ्लाइट में कुल 80 यात्री सवार थे, जिन्हें किसी तरह की शारीरिक क्षति नहीं हुई है। उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद पायलट को विमान में तकनीकी समस्या का संकेत मिला, जिसके बाद यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए विमान को वापस लाने का निर्णय लिया गया। एयर ट्रैफिक कंट्रोल की अनुमति के बाद विमान को सुरक्षित लैंडिंग के लिए मार्गदर्शित किया गया।

विमानन सुरक्षा को लेकर फिर उठा सवाल

इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या भारतीय विमानन कंपनियां अपने विमानों के रखरखाव को लेकर पर्याप्त सतर्कता बरत रही हैं। अहमदाबाद की दुखद घटना के बाद से यात्रियों में डर और संदेह का माहौल बना हुआ है, और अब इस तरह की घटनाएं सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा रही हैं।

हालांकि इस बार किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, लेकिन तकनीकी खराबी का उड़ान के दौरान सामने आना एक गंभीर संकेत है। स्पाइसजेट और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) दोनों ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।

एयरलाइंस ने जताया खेद, यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था

स्पाइसजेट ने इस असुविधा के लिए यात्रियों से खेद व्यक्त किया है और उन्हें तिरुपति पहुंचाने के लिए वैकल्पिक उड़ानों की व्यवस्था करने की बात कही है। यात्रियों को एयरपोर्ट पर आराम और भोजन की सुविधा दी जा रही है जब तक उन्हें नई फ्लाइट उपलब्ध नहीं कराई जाती।

विमानन मंत्रालय भी इस घटना को गंभीरता से ले रहा है और तकनीकी गड़बड़ियों की समय पर पहचान और समाधान के लिए मानकों की समीक्षा की जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि समय पर लिये गये निर्णय ने संभावित दुर्घटना को टाल दिया।

इस घटना ने स्पष्ट कर दिया है कि विमानन सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की ढिलाई का अब कोई स्थान नहीं है और हर उड़ान से पहले पूर्ण तकनीकी जांच और निगरानी को प्राथमिकता देना अनिवार्य हो गया है।

 

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