खुशखबरी! भारत में लांच हुई कोरोना की दवा 2-डीजी, जाने किन अस्‍पतालों में होगी उपलब्‍ध

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्‍ली, 17मई। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से विकसित की गई कोविड-19 रोधी दवा 2-डीजी की पहली खेप भारत में लॉन्च कर दी गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन कोविड-19 रोधी दवा को लॉन्च किया।

बता दें कि कोविड-19 के मध्यम लक्षण वाले और गंभीर लक्षण वाले मरीजों पर इस दवा के आपातकालीन इस्तेमाल को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) की ओर से मंजूरी मिल चुकी है।

कोविड के इलाज के लिए यह ओरल दवा संसार की पहली दवाई है।

कोविड दवा 2DG का सप्ताह में होगा 10,000 उत्पादन
डीआरडीओ की एंटी कोविड दवा 2DG पर DRDO प्रमुख जी. सतीश रेड्डी ने बताया कि इसका अभी सप्ताह में 10,000 के आस पास कुल उत्पादन होगा। जून 2021 से इस दवाई के 1 लाख पाउच प्रति सप्ताह उपलब्ध करवा दिए जाएंगे।
डीआरडीओ चीफ जी. सतीश रेड्डी ने बताया, यह दवा कोरोना वायरस से संक्रमित कोशिकाओं पर सीधा काम करेगी। शरीर का इम्यून सिस्टम काम करेगा और मरीज जल्दी ठीक होगा। इसे मरीज के वजन और डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन के आधार पर कम से कम 5-7 दिन सुबह-शाम 2 डोज़ लेनी है।

डीआरडीओ के चेयरमैन ने बताया कि यह दवा जून के पहले हफ्ते से देश के सभी अस्‍पतालों में उपलब्‍ध हो पाएगी। इस दवा का उत्पादन चल रहा है और दवा की दूसरी खेप मई के अंतिम हफ्ते के आसपास आएगी।

दवा की विशेषताएं:-
1. इस दवा को पानी में घोलकर सुबह शाम लिया जा सकेगा।

2. इस दवा का कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा।

3. इस दवा को लेने के बाद रोगी की ऑक्सिजन पर निर्भरता दूर हो जाएगी।

4. इस दवा को लेते ही वायरस इसे ग्लूकोज़ समझकर खाना आरंभ कर देगा और इसकी बढ़ोतरी रुक जाएगी।

भारतीय होने के नाते हम सभी भारतीय नागरिकों को धर्म, जाती, पार्टी आदि के स्तर से ऊपर उठकर अपने वैज्ञानिकों पर बहुत गर्व होना चाहिए।

अपने देश पर भी गर्व होना चाहिए, कि हमारा देश “भारत” ही एकमात्र देश है, जिसने यह पानी में घोलकर पीने वाली दवाई अपने देश में सबसे पहले बनाई।

कई लोग अपने देश की निंदा तो हर समय करते रहते हैं, कभी राजनैतिक संकीर्णवाद से ऊपर उठकर अपने वैज्ञानिकों, अपने स्वास्थ्य कर्मियों, डॉक्टरों की तो प्रशंसा कर ही देनी चाहिए।

मुझे तो अपने देश भारत पर बहुत ही गर्व है। आपको भी होना चाहिए। निश्चित ही हमारा देश आत्मनिर्भर बनने की राह में निरंतर प्रगति कर रहा है।

जय भारत।
जय भारतीय वैज्ञानिक।
जय भारतीय जवान।
जय भारतीय किसान।
जय भारतीय डॉक्टर तथा प्रथम पंक्ति के कोरोना वारियर्स।

बता दें कि प्रथम चरण में यह दवा केवल अस्पतालों में ही केवल डॉक्टरों के परामर्श पर ही कोविड रोगियों को दी जाएगी।

यदि बाद में उचित पाया गया तो इस दवा को प्रिवेंटिव दवा के तौर पर स्वस्थ व्यक्तियों को भी कोविड रोकथाम दवा के रूप में खुले बाजार में भी उपलब्ध करवाया जा सकता है।

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