अयोध्या में मस्जिद के निर्माण के लिए सरकारी मंजूरी मिली, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की सकारात्मक पहल
गाय हिन्दू धर्म में ही नहीं बल्कि अन्य धर्मों में भी दिव्य है-जस्टिस सलीम अहमद
समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 6मार्च। इसे भारत की सनातन संस्कृति का विशाल हृदय ही माना जाएगा कि जिस अयोध्या नगरी को सुप्रीम कोर्ट ने भी भगवान राम का जन्म स्थल माना उसी अयोध्या में मस्जिद निर्माण की सरकारी मंजूरी भी दे दी गई है। जिस अयोध्या विकास प्राधिकरण के स्वीकृत मानचित्र पर भव्य राम मंदिर बन रहा है, उसी प्राधिकरण ने अब सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड को धन्नीपुर में पांच एकड़ भूमि पर मस्जिद बनाने की मंजूरी दे दी है। मस्जिद के मानचित्र को लंबे समय से मंजूरी नहीं मिल रही थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सकारात्मक रुख के बाद अयोध्या विकास प्राधिकरण ने मस्जिद निर्माण की स्वीकृति जारी की है। इससे अब अयोध्या नगरी में भव्य मस्जिद निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में अयोध्या को भगवान राम की रूम स्थली माना, लेकिन साथ ही अयोध्या में मस्जिद निर्माण का भी फैसला दिया ताकि दोनों समुदायों में सद्भावना बनी रहे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर ही मस्जिद निर्माण के लिए मंजूरी दी गई है। सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड ने सरकारी मंजूरी का स्वागत किया है। अब मस्जिद का भी जल्द निर्माण शुरू होगा।
हत्यारे नरक में सड़ते हैं:
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के जस्टिस सलीम अहमद ने कहा कि गाय की हत्या करने वाले नरक में सड़ते हैं। गाय को हिन्दू धर्म में ही नहीं बल्कि अन्य धर्मों में भी दिव्य माना गया है। गाय के धार्मिक महत्व को देखते हुए ही केंद्र सरकार को गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। इसके साथ ही गाय को राष्ट्रीय संरक्षित पशु घोषित किया जाए। जस्टिस सलीम अहमद का यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब गौ तस्करी को लेकर देश का माहौल गर्म है। कुछ लोग गौ मांस खाना शान समझते हैं। गाय के मांस को लेकर अनेक तर्क दिए जाते हैं, लेकिन जस्टिस सलीम अहमद ने बता दिया है कि गाय का महत्व सिर्फ हिन्दू धर्म के लिए नहीं बल्कि अन्य धर्मों के लिए भी है। जस्टिस सलीम अहमद की राय और फैसले का देश में सकारात्मक संदेश जाएगा। गौ माता के संरक्षण को और मदद मिलेगी। गौ हत्या करने वाले नरक में सड़ेंगे, इससे बड़ी और असरदार टिप्पणी नहीं हो सकती है।
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