“सरकार द्वारा नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है”: गजेंद्र सिंह शेखावत

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने रूरल वॉश पार्टनर्स फोरम पर राष्ट्रीय सम्मेलन का किया उद्घाटन

समग्र समाचार सेवा 
नई दिल्ली, 22 जुलाई। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने रूरल वॉश पार्टनर्स फोरम (आरडब्ल्यूपीएफ) के गठन की पहली वर्षगांठ मनाने के लिए नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आरडब्ल्यूपीएफ पर दो-दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। सम्मेलन का विषय ‘स्वच्छ सुजल भारत की दिशा में प्रगति में तेजी लाना’ है। आरडब्ल्यूपीएफ भारत के ग्रामीण वॉश क्षेत्र में काम करने वाले विकास/क्षेत्र से जुड़े साझेदारों के लिए केपीएमजी इंडिया के सहयोग से पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) द्वारा स्थापित एक मंच है। फोरम का मुख्य उद्देश्य भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के प्रमुख मिशन जल जीवन मिशन (जेजेएम) और स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (एसबीएम-जी) के शीघ्र कार्यान्वयन का समर्थन करना है। फोरम ने बेहतर सहयोग और तालमेल के लिए ग्रामीण वॉश क्षेत्र में काम करने वाले संगठनों को एक छतरी के नीचे लाया है, इसके अलावा शिक्षण और ज्ञान साझा करने का माहौल बनाया है, मापन योग्य और किफायती समाधान ढूंढे हैं, प्रयासों में ओवरलैप से बचते हुए सर्वोत्तम तौर-तरीकों और सफलता की कहानियों को साझा किया है।

प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, “सरकार द्वारा नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि प्रधानमंत्री हाथ में झाड़ू लेकर सड़कों की सफाई करते, राजमिस्त्री के रूप में शौचालय का निर्माण करते नजर आएंगे, लेकिन उच्चतम स्तर पर धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ, हमने सभी बाधाओं को पार करते हुए लक्ष्य हासिल किया और देश 2 अक्टूबर, 2019 को खुले में शौच से मुक्त हो गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी मार्गदर्शन के तहत, हमने 12.6 करोड़ से अधिक नल कनेक्शन और 64 प्रतिशत से अधिक गांवों को ओडीएफ प्लस गांव घोषित किया गया है। आरडब्ल्यूपीएफ सदस्यों की भूमिका महत्वपूर्ण है क्योंकि उनकी जमीनी उपस्थिति अंतिम मील कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने में काफी मदद करेगी।

जल शक्ति और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने प्रत्येक ग्रामीण घर में नल के पानी के कनेक्शन के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करने के लिए सरकार, विकास भागीदारों, नागरिक समाज और समुदाय के सहयोगात्मक प्रयास के बारे में बात की। प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा, “सात छोटे कलशों से एक बड़े कलश में पानी डालना यह सुनिश्चित करने के लिए सभी के द्वारा किए गए उस प्रयास का प्रतीक है कि निर्धारित गुणवत्ता का पानी पर्याप्त मात्रा में हर ग्रामीण घर तक पहुंचे और ‘कोई भी छूटे नहीं।’ यह मंच तकनीकी सहायता, ज्ञान साझा करने और वॉश क्षेत्र में व्यापक पहुंच और प्रभाव रखने वाले संगठनों की सहयोगात्मक सहायता के माध्यम से स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण – चरण II) और जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन में पेयजन एवं स्वच्छता विभाग के प्रयासों का समर्थन करता है।

कार्यक्रम में अपने संबोधन में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सचिव विनी महाजन ने कहा, “विकास और सेक्टर साझेदारों को दोनों मिशनों का समर्थन करते देखना सौभाग्य की बात है। केपीएमजी इंडिया इस पहल का समर्थन कर रहा है। अब तक का सफर बेहद रोमांचक रहा है। हम 64 प्रतिशत ग्रामीण घरों में नल का पानी कनेक्शन प्रदान करने में सफल रहे हैं और 64 प्रतिशत गांव आकांक्षी श्रेणी में ओडीएफ प्लस बनने की राह पर हैं। किसी भी राज्य में एक-तिहाई से कम कवरेज नहीं है। यह महत्वपूर्ण है कि समुदाय को बुनियादी ढांचे की ज़िम्मेदारी लेने के लिए सशक्त बनाया जाए ताकि दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित हो सके। समाधान स्थानीय रूप से उपलब्ध, किफायती और रखरखाव में आसान होना चाहिए।”

अपर सचिव और जल जीवन मिशन के मिशन डायरेक्टर विकास शील ने आरडब्ल्यूपीएफ भागीदारों द्वारा की गई साल भर की गतिविधियों और विभाग में उनकी भूमिका के बारे में बात की। उन्होंने कहा, ‘रूरल वॉश पार्टनर्स फोरम (आरडब्ल्यूपीएफ) विकास/क्षेत्र के भागीदारों के लिए एक अग्रणी मंच है जो मिशन को स्वच्छ सुजल भारत की दिशा में प्रगति में तेजी लाने में मदद करता है। पहचाने गए 12 विषयगत क्षेत्रों को आपसी समझौते के बाद विकास और क्षेत्र भागीदारों को आवंटित किया गया है। आरडब्ल्यूपीएफ सचिवालय पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में स्थापित किया गया है जहां केपीएमजी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए मंच समन्वयक है। यह मंच आरडब्ल्यूपीएफ को वॉश थिंक टैंक के रूप में स्थापित करने में मदद करता है और राज्यों और विकास/क्षेत्र भागीदारों के बीच विचारों के आवधिक आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करता है।

सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में निम्नलिखित का शुभारंभ/विमोचन/सम्मान भी किया गया-
[1] डिजिटल वॉश अकादमी का लक्ष्य जल आपूर्ति कार्यक्रम से जुड़े प्रशासक, इंजीनियर, पंचायत पदाधिकारी, तकनीशियन, स्वच्छता कार्यकर्ता और पैदल सैनिक जैसे विभिन्न हितधारकों की क्षमता का निर्माण करना है। अकादमी उन्हें मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त करने में प्रभावी ढंग से योगदान देने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से लैस करेगी। एक अग्रणी गैर-लाभकारी संगठन ईसीएचओ इंडिया ने अकादमी की स्थापना में विभाग का समर्थन किया है।

[2] आरडब्ल्यूपीएफ वार्षिक ईयरबुक और वेब पेज: विभिन्न क्षेत्रों और विभिन्न विषयों में विकास के भागीदारों द्वारा किए गए कार्यों को ईयरबुक में उल्लिखित करने के साथ ही वेब पेज पर प्रदर्शित किया गया है। विभिन्न एजेंसियों द्वारा जमीनी स्तर पर किए गए कार्यों की संबद्ध स्वीकृति से जुड़े भागीदारों को बेहतर प्रदर्शन करने और वांछित लक्ष्यों तक पहुंचने में सरकार का समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

[3] स्वच्छता क्रॉनिकल्स – भारत की परिवर्तनकारी कहानियां: 75 ओडीएफ प्लस सर्वोत्तम प्रथाओं का एक संग्रह, एसबीएम-जी चरण-2 के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए नवाचारों, बाधाओं को दूर करने और जागरूकता बढ़ाने के लिए किए गए उपायों, शुरू किए गए विशेष अभियान और विभिन्न ओडीएफ प्लस गतिविधियों में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के अन्य प्रयासों को दर्शाता है।

[4] स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (एसएसजी) 2023 का फील्ड मूल्यांकन कार्यक्रम और रैंकिंग प्रोटोकॉल: एसएसजी 2023 में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कैसे रैंक किया जाएगा, इसे परिभाषित करने वाला विस्तृत कार्यक्रम।

[5] सुरक्षा, निर्बाध आपूर्ति और वॉश संपत्तियों और सेवाओं की न्यूनतम हानि सुनिश्चित करने के लिए आपदा प्रबंधन योजना (डीएमपी) के लिए मैनुअल। यह योजना पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के दो प्रमुख मिशनों यानी जल जीवन मिशन (जेजेएम) और स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (एसबीएम-जी) के अनुरूप है।

[6] पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के समर्थन से इन्वेस्ट इंडिया द्वारा आयोजित प्रौद्योगिकी चुनौती के तहत किफायती और पोर्टेबल जल गुणवत्ता परीक्षण किट विकसित करने के लिए माननीय जल शक्ति मंत्री द्वारा चार स्टार्ट-अप का अभिनंदन। एलिको, क्लूइक्स और ह्यूरिस्टिक्स ने डिजिटल पोर्टेबल मल्टी पैरामीटर जल गुणवत्ता परीक्षण उपकरण विकसित किए हैं, जिन्हें सीधे वेब-आधारित डैशबोर्ड से जोड़ा जा सकता है। इस प्रकार तैयार की गई रिपोर्ट का उपयोग कार्यक्रम की निगरानी के लिए भी किया जा सकता है। अर्थफेस द्वारा विकसित उपकरण जल विश्लेषण और शुद्धिकरण के लिए एनएबीएल द्वारा अनुमोदित है।

सम्मेलन में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मिशन निदेशकों, जेजेएम और एसबीएम-जी के प्रभारी सचिवों, भारत सरकार के संबंधित मंत्रालयों, डब्ल्यूएएसएच क्षेत्र में काम करने वाले कॉरपोरेट्स के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। आरडब्ल्यूपीएफ के बारे में विवरण www.rwpf.in पर देखा जा सकता है

कार्यक्रम के बाद जल और स्वच्छता पर विषयगत सत्र आयोजित किया गया, जिसमें क) सामुदायिक लोक सम्पर्क और सहभागिता – एक जन आंदोलन बनाना – बुनियादी ढांचे के निर्माण से लेकर सामुदायिक स्वामित्व तक, ख) जेजेएम और शिकायत निवारण के लिए कुशल और प्रभावी संचालन और रखरखाव, ग) सुरक्षित रूप से प्रबंधित स्वच्छता और घ) प्लास्टिक कचरे में सर्कुलर इकोनॉमी। सत्रों का संचालन यूनिसेफ, आगा खान फाउंडेशन, अखिल भारतीय स्वशासन संस्थान (एआईआईएलएसजी), जल सहायता, वॉश संस्थान और पर्यावरण शिक्षा केंद्र (सीईई) द्वारा किया गया था।

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