भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक ने दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर के लिए 37 बिलियन जापानी येन के ऋण पर किए हस्ताक्षर
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 19दिसंबर। भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने विगत 15 दिसंबर 2023 को 37 बिलियन जापानी येन (250 मिलियन अमेरिकी डॉलर) ऋण के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर के निर्माण का वित्तपोषण जारी रखेगा। .
ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने वालों में वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग की संयुक्त सचिव सुश्री जूही मुखर्जी और एडीबी के लिए रेजिडेंट मिशन के प्रभारी अधिकारी तथा भारत के उप -देश निदेशक श्री हो युन जियोंग शामिल थे ।
इससे पहले, एडीबी ने दिल्ली को आसपास के राज्यों के अन्य शहरों से जोड़ने के लिए एनसीआर क्षेत्रीय योजना 2021 के अंतर्गत योजनाबद्ध तीन प्राथमिकता वाले रेल गलियारों में से पहले आरआरटीएस के निर्माण का समर्थन करने के लिए 2020 में परियोजना के लिए 1,049 मिलियन डॉलर की बहु-किश्त (मल्टी-ट्रेंच) वित्तपोषण सुविधा (एमएफएफ) को मंजूरी दी थी। अन्य परिवहन साधनों के साथ सहज आदान-प्रदान सुनिश्चित करने के लिए आरआरटीएस में मल्टी-मॉडल हब होंगे। एडीबी ऋण की पहली किश्त 50 करोड़ अमरीकी डॉलर की थी और शेष 50 करोड़ अमरीकी डॉलर का सह-वित्तपोषण एशियाई इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) द्वारा किया गया था।
इस ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद, सुश्री मुखर्जी ने कहा कि निवेश परियोजना आरआरटीएस को शहरी गतिशीलता में सुधार करने में सक्षम बनाएगी और इस परियोजना के आर्थिक प्रभावों से महिलाओं और दिव्यांगो को भी लाभ होगा।
श्री जियोंग ने कहा, “एडीबी वित्तपोषण गलियारे के निर्माण में मदद कर रहा है जो लोगों को कम कार्बन और कुशल रेलवे प्रणाली से यात्रा करने की अनुमति देगा और लाखों टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी लाने के साथ ही जलवायु परिवर्तन शमन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के जनसंख्या वाले हिस्सों से गुजरते हुए, 82 किलोमीटर का गलियारा तेज, सुरक्षित और उच्च क्षमता वाली यात्री पारगमन सेवाएं प्रदान करेगा और यात्रा के समय को 3-4 घंटे से घटाकर लगभग 1 घंटे करके क्षेत्र में आर्थिक और रोजगार के अवसरों का विस्तार करेगा।
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