राज्यपाल श्री इंद्रसेन रेड्डी नल्लू और केंद्रीय राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक ने पुरस्कार वितरण के साथ किया दिव्य कला मेला का समापन
पंजाब नेशनल बैंक द्वारा एनडीएफडीसी की योजनाओं के तहत दिव्य कला मेले में त्रिपुरा राज्य के दिव्यांगजन को ऋण स्वीकृत
समग्र समाचार सेवा
अगरतला, 12फरवरी। अगरतला, चिल्ड्रन पार्क में चल रहे छह दिवसीय मेले का समापन त्रिपुरा के राज्यपाल श्री इंद्रसेन रेड्डी नल्लू तथा केंद्रीय राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक द्वारा दिव्यांगजन को पुरस्कार वितरण के साथ हुआ। गौरतलब है कि दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा लगाए छह दिवसीय मेले का उद्घाटन दिनांक 6 फरवरी, 2024 त्रिपुरा सरकार में मंत्री श्री रतन लाल नाथ तथा टिंकू रॉय द्वारा किया गया था। दिव्यांगजन के लिए देश भर में लगाए जा रहे राष्ट्रीय स्तर का मेला को “दिव्य कला मेला” का नाम दिया गया है। दिल्ली, मुंबई, भोपाल, गुवाहाटी, इंदौर, जयपुर, वाराणसी, सिकंदराबाद, हैदराबाद, बेंगलुरु, कर्नाटक, चेन्नई, पटना, सूरत, नागपुर के सफल आयोजन के बाद अगरतला में यह आयोजन किया गया है।दिव्य कला मेला के समापन समारोह में भारत सरकार के निगम एनडीएफडीसी के सीएमडी नवीन शाह, विधायक एवं अध्यक्ष, एससी कल्याण निगम, पिनाकी दास चौधरी, अध्यक्ष,ओबीसी कल्याण निगम, श्री मृणाल कांतिनाथ, सदस्य, राष्ट्रीय सलाहकार बोर्ड एवं वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता श्री उत्तम ओझा उपस्थित थे। इस मेले में दिव्यांगजन तथा उनसे जुड़ी सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं, एलिम्को के प्रतिनिधिगण, तथा मीडिया के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
आने वाले समय मे देश के अन्य बड़े शहरों में भी ऐसे मेले आयोजित करने की योजना बनाई गई है। इन सभी राष्ट्रीय मेलों में कुछ स्टॉल लोकल दिव्यांगजन के लिए भी रखे जाते हैं। अगरतला मेले में भी लगभग 20 से अधिक भागीदार पूर्वोत्तर राज्यों के हैं। मेले के दौरान दिव्यांगजन, ओबीसी, एससी को साढ़े तीन करोड़ रूपये से अधिक राशि के ऋण स्वीकृत किए गए। दिव्यांगजन को सहायक उपकरण वितरित किए गए। विभिन्न विभागों के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने आकर दिव्यांगजन का हौंसला बढ़ाया। इस मेले को जनता का प्यार भी खूब मिला। इस मेले में डीडीआरसी द्वारा दिव्यांगजन के लिए एक्सक्लूसिव जॉब फेयर आयोजित किया गया। निजी क्षेत्र की कंपनी स्विगी ने जॉब के लिए 7 दिव्यांगजन को जॉब ऑफर लेटर प्रदान किए गए। नेशनल दिव्यांगजन फाइनेंस एंड डिवैल्पमेंट कार्पोरेशन (एनडीएफडीसी) के पार्टनर बैंक पंजाब नेशनल बैंक तथा आईडीबीआई बैंक द्वारा स्वरोजगार ऋण के इच्छुक दिव्यांगजन का रजिस्ट्रेशन किया गया। मेले में बिक्री बढ़ाने के लिए प्रतिदिन बेस्ट बायर को मेले के मंच पर सम्मानित किया गया। पाँच कैटेगरीज के तहत मेले में अच्छा काम करने वालों को पुरस्कृत किया गया।
त्रिपुरा में दिव्यांग उद्यमियों और उनके संगठनों के लिए पहली बार इतने बड़े पैमाने पर “दिव्य कला मेला” नामक प्रदर्शनी / मेले का आयोजन किया गया ।दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग(सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार) द्वारा आयोजित इस छह दिवसीय मेले के आयोजन में 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 60 दिव्यांग कारीगरों, उद्यमियों, कलाकारों ने अपने उत्पादों तथा हुनर का प्रदर्शन किया। इस मेले में महिला उद्यमियों / कलाकारों की भागीदारी भी अच्छी रही दिव्य कला मेला में गृह सज्जा और जीवन शैली,वस्त्र, स्टेशनरी और पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद, पैकेज्ड भोजन और जैविक उत्पाद, खिलौने और उपहार, पर्सनल एसेसरीज आभूषण, क्लच बैग्स आदि कैटेगरी के प्रोडक्ट्स शामिल रहे। मेले में आने वाले लोगों के मनोरंजन के लिए प्रोफेशनल कलाकारों द्वारा प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम (नृत्य तथा गायन आदि) आयोजित किए गए। दिव्यांगजन द्वारा भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की गई। इस मेले के जरिए दिव्यांगजन ने अब तक लगभग ₹20,00,000/ से अधिक का कारोबार किया। कई कंपनियों की तरफ से दिव्यांगजन को परचेज आश्वासन भी मिले हैं मेले में दिव्यांगजन को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने वाली संस्थाओं ने भी भागीदारी की।
मेले में भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम(अलिम्को), सीआरसी अगरतला, डीडीआरसी, आईसीएफएआई, यूनिवर्सिटी, त्रिपुरा ने भागीदारी की। यह मेला दिव्यांगजन में छुपे हुए विभिन्न प्रकार के टैलेंट को उजागर करने का मंच बन गया। काफी लोगों द्वारा मेले में विजिट की गई तथा इस प्रयास को सराहा गया। इस तरह का मेले देश के कई शहरों में आयोजित करने का प्लान है। अगला मेला अहमदाबाद और शिमला में आयोजित किया जाएगा। मेले को सफल बनाने में विभिन्न सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थाओं की अच्छी भूमिका रही। प्रिंट तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अलावा सोशल मीडिया के जरिए भी मेले को खूब कवरेज मिली। लोकल एडमिनिस्ट्रेशन, पुलिस, प्रशासन तथा त्रिपुरा सरकार की तरफ से भी पूर्ण सहयोग मिला।
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