समग्र समाचार सेवा
जगदलपुर, 5 मार्च। आमट, मंडिया पेज, जोन्दरा पेज, चापा लाड़ू जैसे बस्तरिया व्यंजनों का स्वाद चखने के बाद राज्यपाल अनुसुईया उइके ने जमकर प्रशंसा की। विभिन्न जनजातियों की जीवन शैली को प्रदर्शित करने के लिए बनाए गए बस्तर जनजातीय जीवन चित्रण का अवलोकन करने पहुंची राज्यपाल उइके जब धुरवा पारा पहुंची तब इनका स्वागत बस्तरिया परम्परा के अनुसार किया गया।
प्रमुख बस्तरिया व्यंजनों का लिया स्वाद
इसके बाद इन्हें बस्तरिया व्यंजन परोसे गए, जिनमें आमट, मंडिया पेज, चापा लाड़ू महुआ लाड़ू, केऊ कन्द, तिखुर, उड़द बड़ा, कुल्थी पपीते की सब्जी आदि का स्वाद लिया। इन सभी व्यंजनों के स्वाद की जमकर प्रशंसा करने के साथ ही उबले गए कुल्थी को चखने के बाद उन्होंने इसको बनाने की विधि भी पूछी। इस दौरान उन्होंने जब यहां बनी ढेकी को देखा तो स्वयं भी उसे चलाकर देखा। उइके ने बस्तरिया व्यंजनों को तैयार करने वाली महिलाओं को राजभवन भी आमंत्रित किया।
कलेक्टर रजत बंसल ने भी दिया संबोधन
इस अवसर पर कलेक्टर रजत बंसल ने बताया कि यहां की जनजातीय संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए बादल एकेडमी की स्थापना भी की गई है। वहीं जनजातीय जीवन शैली को प्रदर्शित करने के लिये इस परिसर को पुनः विकसित किया गया है। इसके तहत माड़िया, मुरिया, कोया, मुंडा, हल्बा, भतरा, धुरवा, दोरला जनजातीय जीवनशैली को प्रदर्शित किया जा रहा है। इनमें उनके निवास के साथ ही खेती बाड़ी आदि गतिविधियों का प्रदर्शन भी किया जा रहा है।
राज्यपाल ने की बस्तरिया महिलाओं की प्रशंसा
यहां विहान के माध्यम से स्व सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं से चर्चा करते हुए उन्होंने आर्थिक गतिविधियों की जानकारी ली। वन धन समितियों के माध्यम से कोदो-कुटकी, रागी जैसी लघु धान्य फसलों की खरीदी का कार्य करने वाली महिलाओं से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इन फसलों की गुणों के कारण अब शहरों में लगातार मांग बढ़ रही है, जिससे यह फसल आर्थिक रूप से भी लाभकारी हो रही है। उन्होंने कहा कि ढेकी में कुटे हुए अनाज की मांग भी बढ़ रही है। उन्होंने वन धन योजना के तहत किये जा रहे कार्यों के सम्बंध में भी विस्तार से जानकारी ली।
यहां अच्छी गुणवत्ता की इमली मिलती हैः बंसल
इस दौरान कलेक्टर बंसल ने बताया कि यहां बहुतायत में अच्छी गुणवत्ता की इमली मिलती है। इस वर्ष जिले में 37 हजार क्विंटल इमली के बीज निकालने का कार्य किया गया। इसके साथ ही बस्तर में काजू प्रसंस्करण का कार्य भी किया जा रहा है। काजू प्रसंस्करण के कार्य से लगभग 300 महिलाएं जुड़ी हुई हैं, जिन्होंने लगभग 3 करोड़ रुपए के काजू का प्रसंस्करण किया। इससे महिलाओं को लगभग 75 लाख रुपए की आय अर्जित हुई।
महिलाओं को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं
बस्तर जिले में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से समृद्धि की राह पर आगे बढ़ रही महिलाओं को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए सुश्री उइके ने कहा कि महिलाओं की इस भागीदारी से बस्तर निश्चित तौर पर अब दुगुनी गति से विकास की राह पर आगे बढ़ने को तैयार है। उन्होंने कहा कि यहां की महिलाओं ने अपने कार्य के प्रति लगन और परिश्रम से कई पुरस्कार भी प्राप्त किए हैं, जिनके लिए वे बधाई की पात्र हैं। इस दौरान कमिश्नर श्याम धावड़े, पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी, सीसीएफ मोहम्मद शाहिद, कलेक्टर रजत बंसल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्जितेंद्र मीणा, वन मण्डलाधिकारी डी पी साहू सहित अधिकारी कर्मचारी तथा स्व सहायता समूहों के सदस्य उपस्थित थे।
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