राज्यपाल ने मुख्यमंत्री श्री बघेल को चन्दूलाल चन्द्राकर चिकित्सा महाविद्यालय के अधिग्रहण की घोषणा का क्रियान्वयन शीघ्र करने के संबंध में लिखा पत्र

समग्र समाचार सेवा

रायपुर, 7जून। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को चन्दूलाल चन्द्राकर चिकित्सा महाविद्यालय दुर्ग के अधिग्रहण की घोषणा का क्रियान्वयन शीघ्र करने के संबंध में पत्र लिखा है।

राज्यपाल ने पत्र में कहा है कि प्रदेश के चन्दूलाल चन्द्राकर चिकित्सा महाविद्यालय दुर्ग में चिकित्सा शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों के हितों को दृष्टिगत रखते हुए महाविद्यालय, दुर्ग का अधिग्रहण करने का निर्णय छात्र हितैषी निर्णय है। वर्ष 2017-18 बैच के चिकित्सा छात्र-छात्राओं द्वारा अवगत कराया गया है कि कॉलेज प्रबंधन द्वारा वर्ष 2018 से छात्रों को चिकित्सा शिक्षा प्रदान नहीं की जा रही है क्योंकि वित्तीय अनियमितताओं के कारण कॉलेज परिसर एवं अन्य बुनियादी ढ़ांचे को इंडियन बैंक द्वारा वित्तीय आस्तियों के रूप में प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण तथा ब्याज का प्रवर्तन अधिनियम के अंतर्गत अधिग्रहित कर लिया गया है।

उन्होंने कहा है कि मेरी जानकारी में यह तथ्य आया है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा महाविद्यालय के अधिग्रहण की घोषणा के उपरांत इस निर्णय को क्रियान्वित करने के लिये बोर्ड गठित करने हेतु 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट देनी थी जो कि अभी तक लंबित है।

राज्यपाल ने कहा है कि चिकित्सा महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं एवं उनके अभिभावकों द्वारा सभी स्तरों पर अपनी शिक्षा एवं भविष्य के लिये बार-बार अनुरोध किया गया है। लेकिन छात्रों को प्रदान की जाने वाली चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था का अब तक निर्णय नहीं हुआ है वहीं दूसरी ओर कॉलेज प्रबंधन द्वारा अभिभावकों से नकद शुल्क की मांग की जा रही है और शुल्क जमा नहीं करने की स्थिति में उन्हें परीक्षा में सम्मिलित नहीं करने का नोटिस दिया जा रहा है जबकि अभिभावक एन.ई.एफ.टी. या चेक से शुल्क जमा करने को सहमत हैं। छात्रों के भविष्य एवं वर्तमान कोरोना संक्रमण की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, महाविद्यालय के अधिग्रहण की प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण किया जाना अत्यंत आवश्यक है ताकि कालेज संचालन और छात्रों की शिक्षा में किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न न हो। अतः चन्दूलाल चन्द्राकर चिकित्सा महाविद्यालय दुर्ग के अधिग्रहण की घोषणा का क्रियान्वयन शीघ्र हो ताकि चिकित्सा महाविद्यालय के छात्रों का भविष्य अंधकार मय होने से बचाया जा सके।

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