विश्व भर में मराठी लोगों का शानदार प्रदर्शन- सांसद संजय राउत

समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली, 19अप्रैल ।

अपनी प्रतिभा और छवि के बल पर मराठी लोगों ने विश्व भर में व्यापार, उद्योग जैसे क्षेत्रों में नाम कमाया है. साथ ही कई देशों में राजनीति क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है और यह महाराष्ट्र के लिए गौरवास्पद है, यह प्रतिपादन सांसद तथा दैनिक सामना के कार्यकारी संपादक संजय राऊत ने आज किया.

‘विश्व भर में मराठी’ इस विषय पर महाराष्ट्र सूचना केंद्र की ओर से आयोजित महाराष्ट्र हीरक महोत्सव व्याख्यान श्रृंखला में आज 30 वां व्याख्यान देते हुए वह बोल रहे थे. उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र और मराठी ने विश्व की राजनीति और समाजकारण पर गहन प्रभाव डाला है. उन्होंने यह भी कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के युद्ध कुशलता को विश्व के इतिहास में आदर्श का स्थान है. स्वाधीनता से पूर्व काल में मराठी लोगों ने विश्व स्तर पर अन्याय के विरुद्ध आवाज उठा कर अपनी भूमिका विश्व को दिखाई.

उन्होंने आगे कहा कि विश्व भर में किसी भी प्रतियोगिता में उतरने वाले मराठी लोगों ने आज विश्व में सभी जगह अपना अस्तित्व निर्माण किया है. व्यापार, उद्योग और राजनीति में भी उन्होंने प्रवेश किया है और यह सचमुच महाराष्ट्र के लिए गौरवशाली है. श्री राऊत ने आगे कहा कि कुशलता और ज्ञान के बल पर आज विश्व भर में मराठी लोग अलग-अलग क्षेत्रों में कार्यरत है. उन्होंने विश्व भर में अपनी छाप छोड़ी है और ऊंची उड़ान भर कर अपना अस्तित्व बना लिया है.

विभिन्न देशों में झंडा लहराया

श्री संजय राऊत ने यह भी कहा कि आयरलैंड के प्रधानमंत्री बनने वाले कोकन क्षेत्र के मालवन शहर के लिओ वराड़कर ने आयरलैंड में भारत का झंडा गाढ़ा है. उनके रूप में मराठी व्यक्ति ने दूसरे देश का प्रमुख या, यूं कहिए सर्वोच्च पद, प्राप्त किया जो महाराष्ट्र के लिए गौरव की बात है. उन्होंने कहा कि अमरीका के असेंबली में श्री थानेदार अधिक वोट लेकर चयनित हुए. अनेक वर्षों तक वहां की राजनीति में महत्वपूर्ण प्रदर्शन किया. इंग्लैंड की राजनीति में भी मराठी व्यक्ति आए हैं. मॉरीशस में राजनीति में संसद में और मंत्रिमंडल में भी मराठी व्यक्तियों ने अपना नाम रोशन किया है. विश्व भर में इन मराठी लोगों को अपेक्षा से देखना चाहिए ऐसा भी श्री राऊत ने कहा. उन्होंने आगे कहा कि मराठी व्यक्ति कला के प्रेमी होते हैं. विदेश में भी मराठी नाटक, मराठी सिनेमा, संगीत महफिल का आयोजन कर उन्होंने मराठी का जतन किया है. बृहण महाराष्ट्र मंडल, मराठी परिषद आदि के माध्यम से मराठी संस्कृति का जतन भी करते आए हैं.

उन्होंने बताया कि मॉरीशस तथा अमेरिका में मराठी मंडल की ओर से गणेश उत्सव भी मनाया जाता है. शिकागो, न्यूयॉर्क और कनाडा में बृहन महाराष्ट्र परिषद के सत्र का आयोजन किया जाता है. इस पर भी उन्होंने प्रकाश डाला. श्री राऊत ने आगे कहा कि इजराइल में माय बोली नाम से मराठी पत्रिका चलाई जाती है, जिसे बड़ी संख्या में मराठी पाठक पड़ते हैं. वहां पर मराठी कार्यक्रम, उत्सव, बड़े पैमाने पर मनाए जाते हैं. मराठी भाषा का उत्सव भी वहां पर देखने को मिलता है.

उन्होंने आगे कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा वरिष्ठ नेता शरद पवार की अध्यक्षता में कुसुमाग्रज की उपस्थिति में इजराइल में विश्व मराठी परिषद के पहले सम्मेलन का आयोजन किया गया. विश्व भर के मराठी लोगों ने व्यापार के अवसर ढूंढते हुए विश्व मराठी चेंबर ऑफ कॉमर्स की स्थापना भी की है.

 

मराठी लोगों ने विश्व स्तर पर सक्षम रूप से भूमिका रखी

श्री संजय राऊत ने कहा कि भारत में ब्रिटिश का राज था तब लंदन मराठी लोगों का लक्ष्य था. लोकमान्य तिलक में लंदन जाकर अपना पक्ष रखा था. राघोबा दादा ने भी पेशवाई के वस्त्र ना मिलने पर अपने अभियोक्ता को लंदन भेजा था. ब्रिटिश द्वारा किए जाने वाले अन्याय के चलते सातारा की गादी खालसा करने पर छत्रपति प्रताप सिंह राजे ने इसकी निंदा करते हुए उनके वकील रंगो बापूजी को लंदन भेजा. उस समय रंगो बापू ने लंदन में हेलपार्क में राजा मेला तरी न्याय मेला नाही अर्थात राजा मर गया तो भी न्याय मरा नहीं, इस तरह की गुहार लगाते हुए वैचारिक दृष्टि से लड़ाई लड़ी. डा एम के पारधी नामक मराठी गृहस्थ ने 1910 में लंदन में अपना डेरा डाला. साहित्य सम्राट न. सी. केलकर ने 1932 के लगभग गोलमेज परिषद में अपनी आवाज उठाई. स्वाधीनता की क्रांति की चिंगारी देश में भड़काने वाले स्वतंत्र वीर सावरकर ने भी इसकी शुरुआत लंदन से की. वहां रहते हुए उन्होंने मराठी क्रांतिकारकों को एकत्रित किया, ऐसा भी श्री राऊत ने बताया.

विदेश में नौकरी में आदर्श स्थान पर मराठी लोगों ने अब प्रशासन में भी अपना दबदबा निर्माण करने की आवश्यकता है. विश्व में मराठी की अस्मिता का जतन करने के लिए तथा प्रशासन में सहभागी होकर मराठी लोगों को और महाराष्ट्र को सहयोग करना चाहिए और साथ ही राज्य के विकास में योगदान देना चाहिए, ऐसी आशा भी श्री राऊत ने व्यक्त की.

 

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