ग्रीनलैंड, कनाडा और अब पनामा: डोनाल्ड ट्रंप की ‘दुनिया पर कब्जे’ की रणनीति

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,28 दिसंबर।
डोनाल्ड ट्रंप, जो अमेरिका के सबसे विवादास्पद और चर्चित नेताओं में से एक हैं, अक्सर अपनी नीतियों और बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। हाल के दिनों में, उनके कुछ कदम और बयान फिर से चर्चा में हैं, जो “दुनिया पर कब्जे” की उनकी सोच की झलक देते हैं। चाहे ग्रीनलैंड खरीदने की बात हो, कनाडा के प्राकृतिक संसाधनों पर निगाह हो, या अब पनामा की रणनीतिक स्थिति पर ध्यान केंद्रित करना, ट्रंप की रणनीति को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

ग्रीनलैंड: बर्फीली भूमि पर नज़र

2019 में, डोनाल्ड ट्रंप ने डेनमार्क से ग्रीनलैंड को खरीदने की इच्छा जाहिर की थी। ग्रीनलैंड दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप है और प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है।

  • कारण: ट्रंप ने इसे एक रणनीतिक और आर्थिक कदम बताया। ग्रीनलैंड के पास प्राकृतिक गैस, खनिज, और मछली पकड़ने के बड़े भंडार हैं। इसके अलावा, आर्कटिक क्षेत्र में बढ़ती वैश्विक प्रतिस्पर्धा ने इसे और भी महत्वपूर्ण बना दिया है।
  • प्रतिक्रिया: डेनमार्क ने ट्रंप की इस पेशकश को “बेतुका” कहा, लेकिन इससे यह स्पष्ट हो गया कि ट्रंप का ध्यान वैश्विक संसाधनों और रणनीतिक स्थानों पर केंद्रित है।

कनाडा: प्राकृतिक संसाधनों पर दावा

कनाडा और अमेरिका के संबंध हमेशा से जटिल रहे हैं, लेकिन ट्रंप के कार्यकाल में यह और भी पेचीदा हो गए।

  • ट्रंप ने कनाडा के प्राकृतिक संसाधनों पर अमेरिका के हितों की बात की।
  • उन्होंने कनाडा से व्यापार समझौतों को लेकर सख्त रुख अपनाया, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा।
  • उनकी ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के तहत, ट्रंप ने कनाडा के ऊर्जा संसाधनों का अधिक लाभ उठाने की इच्छा जाहिर की।

पनामा: रणनीतिक नियंत्रण की कोशिश

अब ट्रंप की नज़र पनामा पर है, जो अपनी रणनीतिक स्थिति और पनामा नहर के लिए प्रसिद्ध है।

  • पनामा नहर: यह नहर अमेरिका और दुनिया के लिए व्यापारिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। ट्रंप इसे अमेरिकी हितों के तहत नियंत्रित करना चाहते हैं।
  • रणनीतिक महत्व: पनामा नहर के माध्यम से हर साल हजारों जहाज गुजरते हैं, जो वैश्विक व्यापार का बड़ा हिस्सा हैं। ट्रंप यहां अमेरिकी प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।

ट्रंप की ‘दुनिया पर कब्जे’ की रणनीति

ट्रंप की इन कार्रवाइयों को केवल राजनीतिक बयानबाजी तक सीमित नहीं देखा जा सकता। ये उनकी दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा हैं।

  1. अमेरिका फर्स्ट नीति: ट्रंप का हर कदम अमेरिकी आर्थिक और रणनीतिक हितों को केंद्र में रखता है।
  2. प्राकृतिक संसाधनों पर नियंत्रण: ट्रंप जानते हैं कि आने वाले समय में प्राकृतिक संसाधनों पर अधिकार का सीधा संबंध वैश्विक शक्ति से होगा।
  3. रणनीतिक स्थानों पर पकड़: ग्रीनलैंड, पनामा, और कनाडा जैसे स्थानों पर ध्यान केंद्रित करना उनके वैश्विक प्रभाव बढ़ाने की योजना का हिस्सा है।

क्या है आलोचना?

ट्रंप की रणनीति को लेकर आलोचनाएं भी खूब हुई हैं।

  • आक्रामक नीति: उनके कदमों को “आक्रामक विस्तारवाद” कहा गया है।
  • वैश्विक नियमों की अनदेखी: ट्रंप की नीतियों को अंतरराष्ट्रीय संबंधों और कूटनीतिक परंपराओं के खिलाफ माना गया।
  • अमेरिकी छवि पर प्रभाव: ट्रंप के बयानों और नीतियों से अमेरिका की वैश्विक छवि को भी नुकसान पहुंचा है।

निष्कर्ष

डोनाल्ड ट्रंप का “दुनिया पर कब्जे” का सपना उनकी ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति का विस्तार है। हालांकि, उनकी रणनीति में आर्थिक और रणनीतिक दूरदृष्टि है, लेकिन यह अंतरराष्ट्रीय संबंधों और वैश्विक संतुलन के लिए एक चुनौती भी पेश करती है। चाहे ग्रीनलैंड हो, कनाडा, या पनामा, ट्रंप के कदम उनकी सत्ता की भूख और अमेरिकी वर्चस्व को बनाए रखने की कोशिश को साफ दिखाते हैं।

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