समग्र समाचार सेवा
महिसागर, गुजरात, 9 जुलाई: गुजरात के महिसागर जिले में मंगलवार देर शाम एक दिल दहला देने वाला हादसा हो गया। वडोदरा और आणंद को जोड़ने वाला 43 साल पुराना पुल अचानक भरभराकर नदी में समा गया। हादसे के वक्त पुल पर भारी ट्रैफिक था और देखते ही देखते कई गाड़ियां नदी में गिर गईं। चश्मदीदों के मुताबिक पुल के टूटते ही चीख-पुकार मच गई और चारों तरफ अफरा-तफरी फैल गई।
रेस्क्यू टीम का युद्धस्तर पर राहत कार्य
हादसे की खबर मिलते ही स्थानीय प्रशासन, पुलिस और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीम मौके पर पहुंच गई। नदी में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए राहत और बचाव अभियान लगातार चल रहा है। अब तक दो लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि कई लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आधे टूटे पुल पर फंसे एक ट्रक की तस्वीरें लोगों को सिहरने पर मजबूर कर रही हैं
मध्य गुजरात को सौराष्ट्र से जोड़ने वाला एकमात्र महत्वपूर्ण पुल जर्जर हालत में था।स्थानीय लोगों ने पुल की मरम्मत करने और नया पुल बनाने की मांग की थी।जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।पुल टूटने से जो लोग नदी में गिरे हैं,उनकी सुरक्षा के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं। pic.twitter.com/rzaSvPKQf6
— Dr Karan Barot🇮🇳🧹 (@khbarot) July 9, 2025
पुराने पुलों की सुरक्षा पर फिर खड़े हुए सवाल
यह हादसा पुलों के रखरखाव को लेकर बड़ी लापरवाही की ओर इशारा कर रहा है। 43 साल पुराने इस पुल के अचानक ढहने से यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या समय रहते इसका निरीक्षण और मरम्मत की गई थी? प्रशासन ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या संरचनात्मक कमजोरी, रखरखाव की कमी या कोई अन्य वजह इस दुर्घटना के पीछे जिम्मेदार है
बुनियादी ढांचे की निगरानी कितनी जरूरी
यह दुखद घटना एक बार फिर बताती है कि दशकों पुराने पुलों और इमारतों की समय-समय पर जांच कितनी जरूरी है। देशभर में कई पुल ऐसे हैं जो वर्षों से लगातार ट्रैफिक के दबाव को झेल रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस हादसे से सबक लेते हुए सरकार को जल्द ही पुराने ढांचों का व्यापक सुरक्षा ऑडिट कराना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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