गुस्ताखी माफ हरियाणा: जब एस पी जींद जॉर्ज ने पत्रकार बंसल से कहा तेरे कहने से क्या मे शराब ठेकेदार को छोड़ देता
पवन कुमार बंसल।
गुस्ताखी माफ हरियाणा:जब एस पी जींद जॉर्ज ने पत्रकार बंसल से कहा तेरे कहने से क्या मे शराब ठेकेदार को छोड़ देता।
किस्सा चार दशक पुराना है जब जॉर्ज साहिब जींद के एस पी थे और मैं इंडियन एक्सप्रेस अखबार का रिपोर्टर। एक रात जॉर्ज साहिब ने देसी शराब के ठेकेदार को ग़लत काम करने के आरोप में अन्दर कर दिया। ठेकेदार रेंज के डी आई जी के मुंह लगता था।
तभी मेरे एक परिचित ने मेरे घर आकर कहा कि इस समय साहिब को आप ही कह सकते हो और आप उनसे कहकर ठेकेदार को छुड़वा दो । बेशक उसके करिंदे के खिलाफ केस दर्ज कर ले। मैने मना कर दिया।अगले दिन जब मैने जॉर्ज साहिब को बताया तो वो बोले ठीक किया ।क्योंकि तू कहता भी तो क्या तेरे कहने से मे उसे छोड़ देता।
अब मैने जो कहा उसे सुन एकबार तो जॉर्ज साहिब भी हैरान।मैने कहा छोड़ना तो आपको पड़ता।फिर अपनी बात स्पष्ट करते हुए कहा कि ने देर रात आपकी कोठी पर आता।वहा सभी मुझे जानते है और वे मुझे आपके ड्राइंग रूम मे बिठा देते।मे लैंडलाइन से सिटी थाने के थानेदार को फोन कर देता ओर वो इशारा समझ जाता।
इससे पहले जॉर्ज साहिब कुछ कहते मैने कहा की मे आपका दोस्त हूं दुश्मन नहीं।आप जैसे ईमानदार अफसर ने यह जानते हुए की ठेकेदार डी आयी जी के मुंह लगता है उसे ग्रिफ्तार किया है ।ओर मे आपको उसकी शिफारिश करने जा घटिया काम क्यों करता।उस घटना से जॉर्ज साहिब बहुत प्रभावित हुए ।उन्हें रिटायर हुए दस साल हो गए और वे अपने गृह राज्य केरल मे रह रहें है।हमारी दोस्ती अभी भी कायम है।पिछले दिनों वे मेरे गुरुगांव निवास पर मिलने भी आए थे
Comments are closed.