गुस्ताखी माफ़ हरियाणा।
पवन कुमार बंसल।
जब मनोहर लाल ने अधिकार के साथ – साथ कर्तव्य पालन की सलाह दी।
आज दोपहर एक अनजान नम्बर से फ़ोन आया तो पहली बार तो उठाया नहीं। डर गया की कही वीडयो बना कोई’ बहन जी’ मी ठू में न फंसा दे।
दोबारा आया तो इस उम्मीद में उठा लिया की हो सकता है कि कोई पाठक शायद कोई जानकारी देना चाहता हो। उधर से आवाज आई की मनोहर लाल बोल रहा हूँ तो तबियत खुश हो गयी कि चलो देर से ही सही जनाब चीफ मिनिस्टर साहिब ने याद किया है। आवाज जानी पहचानी थी।
मनोहर लाल ने प्रवचन दिया ‘ गणतंत्र दिवस पर शपथ – हम अपने अधिकार के साथ -साथ कर्तव्य पालन पर भी जोर देंगे । बात लाख रुपए की है लेकिन यदि वे इसे खुद पर भी लागू करे।
मेरे पास कोई अधिकार तो है नहीं लेकिन कर्तव्य का पालन ईमानदारी से करता हूँ।
आपके पास अधिकार ही अधिकार है। आप अपने अधिकारों का तो खुलकर प्रयोग कर रहे हो।
लेकिन अपनी आत्मा से पूछो कि क्या एक राजा होते हुए राजधर्म को निभा रहे हो ?
में कोई टीपणी नहीं करता। इसका फैसला अपने पाठको और आपकी आत्मा पर छोड़ता हूँ।
गणतंत्र दिवस समारोह पिहोवा -महिला द्वारा मंच के नजदीक पहुंचना – संदीप का विरोध।
आज पिहोवा में गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में अनहोनी घटना हो गई जो टाली जा सकती थी। समारोह की अध्यक्षता ,एथलीट कोच के यौन शोषण के कथित दोषी संदीप सिंह कर रहे थे। वहा ज्योही राष्ट्रीय गान शुरू हुआ एक महिला संदीप सिंह के खिलाफ नारे लगाने लगी।
इस प्रकरण से उठे सवाल।
खापों के विरोध के बावजूद संदीप सिंह को कार्यक्रम का अध्यक्ष क्यों बनाया गया ?
सुरक्षा प्रबंध में जबरदस्त चूक। यदि महिला कोई बम्ब लेकर वहा पहुंचे तो क्या होता ?
महिला को प्राइवेट आदमी चादर डाल कर पकड़ रहे है। पर्याप्त संख्या में महिला पुलिस वहा क्यों नहीं थी ?
गब्बर, अनिल विज कहता है में रात दो बजे तक फाइल देखता हूँ। बारह बजे तक दरबार लगाता हूँ। क्या खाक लगाते हो ? नतीजा देख लिया।
संदीप के बचाव में सरकार इतनी बेशर्म क्यों बनी हुई है ?
विरोध करने वाली बहन जी को भी कम से कम राष्ट्रीय गान के समापन का इंतजार करना था।
दुमछल्ला।
मनोहर जी आप दिन प्रतिदिन अलोकप्रिय हो रहे हो। पुलिस के दम पर कब तक काम चलाएंगे। ?आखिर जनता के बीच तो जाना ही पड़ेगा।
आज से चार दशक पहले तत्कालीन गवर्नर तपासे द्वारा बहुमत देवीलाल के पास होने के बावजूद भजन लाल को चीफ मिनसिटर पद की शपथ दिलाने के विरोध में देवीलाल भगत जोगिंदर ने फरीदाबाद में गणतंत्र दिवस समारोह में तपासे का मुँह काला कर दिया था। यह किस्सा मेरी किताब ‘हरियाणा के लालो के सबरंगे किस्से” में है। यदि पुलिस अफसरों ने किताब पढ़ी होती तो अंदाज लग जाता की हरियाणा में ऐसा भी हो जाता है।
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