गुस्ताखी माफ़ हरियाणा।

गुस्ताखी माफ़ हरियाणा।
पवन कुमार बंसल।

जब रोहतक के वकीलों ने इंदिरा गाँधी के सामने रणबीर हूडा की तख्ती पोच दी।
राहुल गांधी की यात्रा के दौरान,सुरक्षा पास के बावजूद कुछ कार्यकर्ताओं से हुई धक्का मुक्की की शिकायत का जवाब देते हुए पूर्व चीफ मिनिस्टर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रोहतक के एक वकील और और उसके मुवक्किल का किस्सा सुनाया। हूडा ने बताया की जब अदालत के स्टे के बाद भी उसके मुवकिल की दूसरे पक्ष ने पिटाई की और उसने इसके शिकायत वकील से की।.जब वकील ने कहा तेरे पास तो स्टे था इसपर मुवक्किल ने कहा मेरे साथ तेरा स्टे भी पीटा।
इसे पढ़कर पुराना किस्सा याद आया जो मेरी रोहतक में जनसत्ता अख़बार में नियुक्ति के दौरान खुद भूपिंदर हूडा ने सुनाया था।
हुआ यह है की जब ७७ के चुनाव में कांग्रेस का सफाया हो गया था और इंदिरा गाँधी अपनी दिल्ली कोठी में करीब – करीब खाली बैठी रहती तो एक दिन रोहतक के कुछ वकील उन्हें मिलने चले गए। बकौल हूडा आगे का किस्सा सुनिए वकीलों की जवानी जो उन्होंने दिल्ली से आकर रोहतक बार में बताया।
जब रोहतक के वकील मिले तो इंदिरा गांधी बहुत खुश हुई। वकीलों ने बार में बताया की हमने रणबीर सिंह हुड्डा की तख्ती पोच दी। फिर अपनी बात स्पष्ट करते हुए बोले की हमने कह दिया की मैडम हम आपके और कांग्रेस के तो प्रशंशक है लेकिन जो आपका नेता रणबीर हूडा है न उसके खिलाफ है। इसलिए ही हमने कांग्रेस की मुखालफत की थी। तख्ती पोचना हरियाणवी बोली का शब्द है जिसका मतलब किसी के खिलाफ कान भर देना।
रोहतक के वकील काफी मजाकिया है। लेखक भी प्रतिदिन बार में जाया करता था और उनके किस्से सुनता था।
एक बार भजन लाल के सी एम रहते , रोहतक बार के सामने जहा आज वकीलों के चैम्बर है भजन लाल समर्थक एक पहलवान ने कब्ज़ा कर लिया था। लेखक ने जनसत्ता में खबर छापी तो भजन लाल ने डिप्टी कमिश्नर को आदेश दे कब्ज़ा छुड़वाया। पुराने वकीलों में मुझे भगत सींग मलिक ,संत कँवर ,भगत सिंह ,महेंद्र मलिक और जनाब घक्कड़ साहिब की याद है।

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