गुस्ताखी माफ़ हरियाणा।

पवन कुमार बंसल।

गुस्ताखी माफ़ हरियाणा।

*यदि शत्रुजीत कपूर रौद्र रूप दिखा तांडव नृत्य शुरू कर दे तो छह महीने में मनोहर सरकार की चूलें हिलना तय।

चालीस वर्ष की पत्रकारिता में खोजी पत्रकार के अनुभव के आधार पर डंके की चोट पर लिख रहा हूँ कि यदि राज्य सतर्कता ब्यूरो के चीफ
जनाब शत्रुजीत कपूर रौद्र रूप दिखा अपने कामकाज में तांडव शुरू कर दे तो छह महीने में सरकार की चूलें इस कदर हिल जाएँगी की
मुरमत भी असंभव।

बशर्ते सरकार उनका तबादला न करे और उन द्वारा अनुमति के लिए भेजे मामलो पर कुंडली मार कर न बैठे।
करीब दो दर्जन वरिष्ठ आई ए एस अफसरों के लिए खतरे की घंटी। वैसे इस मामले में मनोहर सरकार का अब तक का रिकॉर्ड कोई ज्यादा अच्छा नहीं है।

नीचे से अफसर मुकदमा चलाने की अनुमति के लिए सरकार को लिखते है और वहा चीफ सेक्रेटरी के लेवल पर मामले को दबा दिया जाता है।
मनोहर जी तो करप्शन पर जीरो टॉलरेंस की बात करते है और उनसे यह उम्मीद की जाती है को वो शत्रुजीत को फ्री हैंड देंगे।

*हरियाणा स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी अथॉरिटी के चेयरमैन रंजीत पंचनदा के खिलाफ याचिका वापिस लेने का मामला।

गुस्ताखी माफ हरियाणा की विशेष खोज 

आज के अखबारों में खबर पड़ी की हरयाणा स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी अथॉरिटी के चेयरमैन की नियुक्ति के खिलाफ पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायलय में दायर जनहित याचिका याचिकादाता रविंद्र ढुल्ल ने वापिस ले ली है और पंचनदा को राहत मिली है। वे अगले वर्ष रिटायर हो रहे है और गवर्नर बनने के लाइन में है. यदि याचिका पेंडिंग होती तो गवर्नर बनने में रुकावट आती। गुस्ताखी माफ़ ने पता किया के आखिर रविंदर ढुल्ल जो जनहित में याचिका डालता रहता है और यह केस तो फुल प्रूफ था ने अचानक याचिका क्यों वापिस ले ली?

बाजार में तरह तरह की चर्चा चल पड़ी। रविंदर ढुल्ल ने बताया की अदालत की कार्रवाई में देरी के चलते ऐसा हुआ। उन्होंने पिछले साल फरबरी में केस डाला था और केस की सुनवाई ही नहीं हुई। तब सरकार को नोटिस हो गया था लेकिन सरकार की तरफ से अब तक कोई जवाब नहीं आया। मतलब सरकार मामले को लटकाना चाहती थी। कल सुनवाई हुई तो उन्होंने याचिका इसलिए वापिस ले ली की चुकि अगले वर्ष तो उनका कार्यकाल ही खतम हो रहा है और अब तक सरकार ने जवाब भी नहीं दिया है तो फिर क्यों अपना समय बर्बाद किया जाये चूकि उनका निजी एजेंडा तो है नहीं। सरकार ने नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया राम जाने। ऐसा करके सरकार क्या पंचनंदा को बचा रही थी।?

गुस्ताखी माफ़ की हरयाणा के जागरूक नागरिको से अपील की कोई और अदालत में जनहित याचिका दायर करे।

*शत्रुजीत कपूर जी आपकी अग्नि परीक्षा है।

गुस्ताखी माफ़ के पाठक पत्रकार प्रमोद शर्मा ने मेरी पोस्ट पर टीपणी कि की बंसल साहिब आपको शायद पता नहीं होगा की शत्रुजीत कपूर
मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निजी मित्र है और मनोहर लाल उन्हें शंटी कह कर बोलते है। में शत्रुजीत से कभी नहीं मिला लेकिन उनके बारे में सुना है।

जनाब शत्रुजीत जी अब आपकी अग्नि परीक्षा है। मनुष्य का जीवन बार- बार नहीं मिलता। मनोहर जी तो करप्शन के खिलाफ परीक्षा में फ़ैल हो
गए है लेकिन आप पास होकर दिखाओ। आप केस बना कर सरकार को भेजो और सरकार मुकदमा दर्ज करने की अनुमति न दे तो सरकार की मर्जी कम से कम इतिहास तो बन जाएगा।

हरयाणा पब्लिक सर्विस कमिशन के डिप्टी सेक्रेटेरी की चैट वाले मामले तो अंजाम तक पहुंचाओ .आपको अवसर मिला है जो बार बार नहीं मिलता।

 

 

Comments are closed.