गुस्ताखी माफ़ हरियाणा

गुस्ताखी माफ़ हरियाणा

पवन कुमार बंसल

अवैध पार्किंग माफिया को सलाम – सलाम – सलाम – गुरुग्राम के डिप्टी कमिशनर के आर्डर पर भी कुत्ते पेशाब कर रहे है।
अब में कम से कम इस मुद्दे पर लिखकर अपना रक्तचाप नहीं बढ़ने दूंगा क्योंकि मुझे पता है की धंधा तो ऐसे ही चलेगा।
मामला गुरुग्राम के रैपिड मेट्रो स्टेशन ५४ के पास हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की जमींन पर चल रही अवैध पार्किंग का।
अभी भी वहा पांच सो वाहन खड़े है और प्रत्येक वाहन के मालिक से चालीस रुपया बिना रसीद दिए लिए जा रहे है। रसीद मांगने पर वहा मौजूद चार बाउंसर आपको यमराज तक पहुंचाने को मुस्तैद है।

सिलसिलेवार ब्यौरा: 

बीस दिन पहले जब ‘गुस्ताखी माफ़ हरियाणा ‘ ने इस अवैध पार्किंग बारे खबर लिखी तो अगले दिन डिप्टी कमिशनर गुरग्राम ने बताया की अवैध पार्किंग सील करके वहा एक सिपाही की ड्यूटी लगा दी गयी है जो यह देखेगा की अवैध पार्किंग दोबारा शुरू नहीं हो।
यही नहीं उन्होंने बताया की इलाके के डिप्टी कमिश्नर पुलिस को कहा गया है की इसी अवैध पार्किंग बारे तीन साल पहले दर्ज केस के सिलसिले में दर्ज मुकदमे का चालान किया जाये।

आज शाम मैडम बंसल द्वारा बनाई चाय की एक चुस्की ही ली थी, मेरे पचास हज़ार जागरूक पाठको में से एक ने फ़ोन किया तो उसकी बात सुन चाय की प्याली हाथ से छूट कर नीचे गिर गयी और में सीधे जा पंहुचा अवैध पार्किंग स्थल पर।
वहा पांच सो वाहन खड़े थे और एक बाउंसर चालीस रुपया वसूल कर रहा था बिन पर्ची दिए।
मुझे वह वहा पांच मिनट खड़ा देख उसे कुछ आशंका हुई तो मेने कहा की दिल्ली से कोई आने वाला है ,में उसका इंतजार कर रहा हूँ। उसने यही आने को कहा था।
फिर हिम्मत करके पूछ लिया कि आप रसीद क्यों नहीं दे रहे ?जवाब मिला कि ठेकेदार का ठेका खत्म हो गया है। हम तो रखवाली के पैसे ले रहे है।

वहा कोई सिपाही नहीं दिखा।
वहा से थोड़ी दूर सड़क के किनारे एक सिपाही आराम से बैठा मोबाइल पर बात कर रहा था।

ऐसा पहले भी हो चूका है।
तीन साल पहले भी ‘गुस्ताखी माफ़ हरियाणा ‘द्वारा लिखने पर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के तत्कालीन प्रशाशक खरे साहिब ने इसे बंद करवा दिया था लेकिन तीन बाद दोबारा शुरू हो गयी थी। फिर लिखने पर फिर सील कर दी गयी थी।
अब भी ऐसा ही होगा – फिर में पैंसठ साल की उम्र में अपना रक्तचाप बड़ा कर कोई संकट मोल क्यों लू क्योंकि जान है तो जहांन है।

आई दिन चीफ मिनिस्टर मनोहर लाल यहां होते है और मीडिया सवांद करते है। अपन तो मान्यता प्राप्त पत्रकार नहीं है इसलिए प्रेस कॉन्फ्रेंस में जाने की इजाजत नहीं है। क्यां कोई लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ चीफ मिनिस्टर से सवाल करेगा।
ऐसी कम से कम पचास अवैध पार्किंग चल रही है।

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