गुस्ताखी माफ़ हरियाणा
पवन कुमार बंसल
आबकारी एवं प्रवर्तन विभाग हरियाणा के अतरिक्त आयुक्त धीरज गर्ग हरियाणा सरकार के एक पावरफुल मंत्री के दूर के रिश्तेदार है।
गर्ग के पिता कभी हरियाणा के मंत्री रहे शमशेर सिंह सुरजेवाला के निजी सचिव भी रह चुके है। लेकिन वे अपनी योग्यता के बल पर आई आर एस
चुने गए। पंचकूला में तैनात थे। अपनी पत्नी की पावरफुल मंत्री से नजदीकी रिश्तेदारी का लाभ उठा हरियाणा कराधान विभाग में आ गए।
फिर मंत्री कृपा से पुरे हरियाणा का अघोषित चार्ज मिल गया। अब सैयां भए कोतवाल डर काहे
का ?महकमे के वजीर की तरह रुतबा हो गया। जनाब की पत्नी भी एंटी करप्शन ब्यूरो के रडार पर है। क्या सरकार बताएगी की उसकी प्रतिनियुक्ति की सिफारिश किस नेता ने की थी।?
अगर ब्यूरो गर्ग को वायदा माफ़ बना लेता है तो वो अपने पोलिटिकल आकाओं के बारे पते खोल सकता है। पर क्या मनोहर सरकार यह जोखिम उठा सकती है ?क्या करप्शन पर जीरो टोलेरेंस का दावा करने वाले मनोहर लाल को इस मामले में अँधेरे में रखा गया। क्या उनके सी आई डी चीफ ने उन्हें गर्ग की गतिविधियों बारे कोई सूचना नहीं दी।? अगर दी तो मनोहर लाल की चुप रहने की क्या मजबूरी थी ?बकौल शायर कुछ तो मजबूरियां रही होंगी ,नहीं तो कोई बेवफा नहीं होता।
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