गुस्ताखी माफ़ हरियाणा।
पवन कुमार बंसल।
खोजी पत्रकारिता को नया आयाम – कविता के माध्यम से हरियाणा की राजनीति पर कटाक्ष।
मेरी पहली कविता ‘ यूं पी ही नहीं -हरियाणा में भी है काबा – काबा ,अपने मनोहर बाबा का विमोचन अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्तकवि दिनेश रघुवंशी ने किया है।
पाठक भी गजब है। मै उन्हें सलाम करता हूँ। इतनी सूचना देते है कि डी आई जी ,सी आई डी को भी पीछे छोड़ दे।
हरियाणा में का बा…
अरे सुन ओ सांबा.
हर तरफ़ बाबा ही बाबा
कहीं राम रहीम बाबा
कहीं राम पाल बाबा
कहीं ज्ञानानंद बाबा
कहीं धर्म देव बाबा
कहीं विज़ बाबा
तो कहीं मनोहरी बाबा…
जनता के बीच खेल ख़राबा…
जय हो! जय हो! मनोहरी बाबा…
दूसरी ओर चल रहा दुष्यन्त का ढ़ाबा…
जय हो! जय हो! मनोहरी बाबा…
Comments are closed.