गुस्ताखी माफ़ हरियाणा।
पवन कुमार बंसल।
मेरे आने वाले कविता संग्रह का ट्रेलर।
गीता का उपदेश।
(कविता संग्रह )सम्पादक ,दिनेश रघुवंशी।
जब भगवान कृष्ण ने अर्जुन से कहा -यदि मेने गीता का उपदेश कुरुक्षेत्र में दिया होता तो –
आज वहा मेरे नाम से राजनीती नहीं होती। शाशक गीता जयंती की आड़ में अपनी नालायकी नहीं छुपा रहे होते।
दिसंबर की एक सर्द रात.,
स्वर्गलोक में भगवान कृष्ण,
डरावना स्वपन देख हुए बेचैन
उठे. सेवक को बुलाया
कहा अर्जुन को बुलाओ
स्वर्गलोक में बात जंगल की आग की तरह फ़ैली
ब्रह्मा , विष्णु और महेश पहुंचे
लक्ष्मी ,सरस्वती और पार्वती भी
इधर बेचैन कृष्ण बार बार पूछ रहे थे
अर्जुन कहा है
अर्जुन के आने में देर हो रहे थी
इधर कृष्ण भगवान की बेचैनी बढ़ रही थी
व्हाट्सप पर अर्जुन को सन्देश भेज
तुरंत आने को कहा गया
आखिर अर्जुन पहुंचे तो भगवान को कुछ चैन पडी
कृष्ण बोले हे अर्जुन
मेने गीता का उपदेश कहा दिया था
भगवान हरियाणा की कुरुक्षेत्र भूमि पर
भगवान बोले अर्जुन लगता है
तेरी यादाश्त कमजोर हो गयी है
अब अर्जुन भी थे हैरान
आखिर भगवान को क्या हो गया?
अर्जुन के साथ द्रोपदी भी आयी थी
बोली, द्वारकानाथ , अर्जुन ठीक कह रहे है
अपने धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में हे तो
गीता का उपदेश दिया था
कृष्ण फिर भी संतुस्ट नहीं हुए
बोले पांचाली
पतिव्रता नारी की तरह
अपने पतिदेव की झूठी हां में हा मिला रही है
अब भगवान का चेहरा।
क्रोध से तिलमिला रहा था..
बोले अगर गीता का उपदेश कुरुक्षेत्र में ही दिया होता तो
वहा मेरे नाम से गीता जयंती महोत्सव करवा वोट बैंक की राजनीती नहीं की जाती।
मुझे भी वोट का माध्यम बना लिया है। जनता त्राहि – त्राहि कर रही है और वो मेरे नाम आड़ में अपने कुकर्म छिपा रहे है।
बोले अगर मेने गीता का उपदेश हरियाणा के कुरुक्षेत्र में दिया होता तो
वहा दलबदल का नंगा नाच क्यों होता ?
अर्जुन जब हरियाणा के जवान
कारगिल की चोटी पर अपने बूढ़े माँ और बाप
और नवविवाहिता दुल्हन को भूल
सीने पर दुश्मन की गोलिया खा रहा था तब हरियाणा के विधायक बंसी लाल की बंसी बजा रहे थे।
( गौरतलब है की जब करगिल की लड़ाई में हरियाणा के जवान शहीद हो रहे थे तब भाजपा के नेता हविपा के कुछ नेताओं से मिलकर
बंसीलाल के नेत्र्तव वाली गठबंधन सरकार को तोड़ने की साजिश कर रहे थे। और अब वे बेशर्मी से गीता जयंती की बात कर रहे है।
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