गुस्ताखी माफ़ हरियाणा: बाला जी जोशी का हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की कार्यप्रणाली में क्रांतिकारी सुधार
गुस्ताखी माफ़ हरियाणा: बाला जी जोशी का हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की कार्यप्रणाली में क्रांतिकारी सुधार
पवन कुमार बंसल
मनोहर लाल कहते है बाला जी जोशी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की कार्यप्रणाली में क्रांतिकारी सुधार ला रहे है इसलिए उन्हें उनके काडर
पंजाब नहीं भेजा जा सकता – लेकिन बाला जी के एक अदूरदर्शी फैसले से गुरग्राम में करीब एक सो पचास करोड़ की जमींन बंजर हो गयी और
दो सम्प्रदायों के बीच रंजिश का रास्ता खुल गया।
मामला सेक्टर २३/ए ,गांव कार्टरपुरी गुरुग्राम में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की २.५ एकड़ जमींन कब्रिस्तान के लिए आबंटित करने का।
उकत भूमि नार्थ कैप यूनिवर्सिटी के साथ लगती करीब पांच एकड़ जमींन का हिस्सा है जो मास्टर प्लान में अस्पताल के लिए आरक्षित है।
इस इलाके में धर्म विशेष से सम्भंदित लोग रहते ही नहीं और सघन आबादी में कब्रिस्तान बनने से यहाँ बीमारी फैलने की आशंका भी बनेगी।
सेक्टर २३ ए की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रधान मलखान सिंह यादव के नेत्र्तव में गुरुग्राम के डिप्टी कमिश्नर से भेंट कर इस आबंटन को रद करवाने का आग्रह किया। पता चला है की उन्हें यह आश्वासन दिया गया के वो इस बारे संबंधित अफसरों से बात करेंगे।
बालाजी के इस तुगलकी फैसले से कुछ सवाल उठे है।
कब्रिस्तान को जमींन देने का कोई विरोध नहीं करता। इसके लिए घनी आबादी में कीमती जमींन देने की बजाये कही और जमींन दी जा सकती थी।
फिर कब्रिस्तान के लिए २.५ एकड़ जमींन देने से साथ लगती २.५ एकड़ जमींन पर भी कुछ नहीं हो सकता।
कुल मिलाकर कह सकते है के बालाजी के इस तुग़लकी फैसले से सरकार के करीब डेड सो करोड़ की सम्पति बंजर हो गयीऔर दो सम्प्रदायों में बिना वजह विवाद हो गया।
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