गुस्ताखी माफ़ हरियाणा: भाजपा के खिलाफ बनेगा मोर्चा – कांग्रेस से भी परहेज नहीं

पवन कुमार बंसल।

गुस्ताखी माफ़ हरियाणा: भाजपा के खिलाफ बनेगा मोर्चा – कांग्रेस से भी परहेज नहीं 

क्या चौतीस साल बाद देवीलाल का बेटा ओम प्रकाश चौटाला और पोता अभय चौटाला उनकी तरह थर्ड फ्रंट बना पाएंगे ?

देवीलाल के जन्मदिन पर पच्चीस सितम्बर को हरियाणा के फतेहाबाद में कश्मीर से कन्याकुमारी तक के नेता जुटेंगे।

देवीलाल के जन्मदिन पर इस बार पच्चीस सितम्बर को फतेहाबाद में नेता जुटेंगे। यही से भाजपा सरकार को पावर से उखाड़ने के लिए तीसरे मोर्चे के गठन की शरुआत होगी।

देवीलाल ने तो भाजपा और वाम दलों को साथ लेकर कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा अभियान चलाया था। देवीलाल के नेतृत्व में पुरे देश में कांग्रेस विरोधी अभियान चला कर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी को सत्त्ता से हटा दिया गया था।

सभा में फारूक अब्दुला, नितीश कुमार, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, चंद्रशेखर राव, हनुमान बेनीवाल, एम के स्टालिन और ममता बनर्जी जुटेंगे।

मोर्चे के गठन के लिए जेल से जमानत पर आये ओमप्रकाश चौटाला पिछले कुछ समय से भाजपा विरोधी नेताओं से मिल रहे है। चौटाला ने गुस्ताखी माफ़ हरियाणा को बताया की भाजपा की शासन से सभी दुखी है। किसान और जवान तबाह हो गए है, इसलिए मोर्चा बनाना जरुरी है।

मजे की बात है कि सभा में पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता बीरेंदर सिंह भी शामिल हो रहे है। हालाँकि उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि वे देवीलाल के जन्मदिन में शामिल हो रहे है।

यह सवाल हरेक की जवान पर है कि क्या भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने का यह प्रयास सफल हो पायेगा? क्या नेता अपने अहम् को छोड़ पाएंगे?

वैसे कभी मोदी के खिलाफ अभियान चलाने वाली ममता बेनर्जी के तेवर भी कुछ समय से ढीले है। केंद्रीय जाँच एजेंसियों का विपक्षी नेताओं के खिलाफ प्रयोग करने के मामले में मोदी को क्लीन चिट देने और राष्ट्रपति पद के चुनाव में उनकी पार्टी का स्टैंड इसका संकेत है की अब वो मोदी से ज्यादा पन्गा नहीं लेना चाहती।

हरियाणा के चीफ मिनिस्टर रहते लेखक चंडीगढ़ में जनसत्ता अख़बार का रिपोर्टर था और उसने देवीलाल के मोर्चे गठन की प्रक्रिया को करीब से देखा है वे सरकार चलाने में बेशक माहिर न हो लेकिन जनता की नब्ज पकड़ने की उनकी गजब क्षमता थी।
मोर्चे का नेता कौन होगा यह भी सवाल है।

कांग्रेस का क्या होगा या बाकि दलों में से किसी दल का होगा। इधर मोदी भी मोर्चे के गठन को विफल करने की साम, दाम और दंड यानि हर संभव कोशिश करेंगे। उनके तीर में अभी काफी तरकश है। भाजपा के पास पैसे के भी कोई कमी नहीं।

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