पवन कुमार बंसल।
गुस्ताखी माफ़ हरियाणा: मोदी का चीता हुआ आदमखोर
मोदी का चीता हुआ आदमखोर; खट्टर के बाद अब अपने आका मोदी और उनके नए चेले कुलदीप बिश्नोई पर झपटा।
खट्टर ने हंस कर जान बचायी -देखो मोदी और कुलदीप बिश्नोई कैसे बचते है।
मोदी के चीते के मुँह खून लग गया है। जुम्मा-जुम्मा आए अभी दो दिन भी नहीं हुए कि उसने शिकार करने शुरू कर दिया। शिकार भी भाजपा नेताओ के!!
भाई छप्पन इंच की छाती वाले मोदी का चीता घास थोड़ा ही खायेगा.. देखो जब वो अपने बॉस के इशारे पर मीडिया, विपक्षी नेताओ और एक्टिवस्ट्स पर झपटेगा।
ईडी और सीबीआई के बाद अब मोदी के पास केवल चीता ही बचा है अपने विरोधियों को ठिकाने लगाने को। लेकिन वो तो खुद मोदी पर ही झपट गया है।
खैर हमने जिक्र किया था कि कैसे सिरसा में एक भाजपा कार्यकर्ता ने यह कह कर खट्टर को मुसीबत में डाल दिया था कि चीते पर तो अरबो खर्च कर दिए लेकिन गौ माता जिसके नाम पर आप वोट मांगते हो , पर भी कुछ खर्च कर दो।
अब जुम्मा जुम्मा कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए कुलदीप बिश्नोई की बारी है। अपने प्रिय चीते की खुराक के लिए मोदी ने जो प्रबंध किया है उसको लेकर बिश्नोई समाज गुस्से में है। चीते की खुराक के लिए आसपास चीतल और हिरन छोड़े गए है। बिश्नोई समाज वन जीवो हिरन चीतल , काला तीतर और वृक्षों की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगा देता है। कितने किस्से है कि शिकारियों की गोली से इन्हे बचाने के लिए बिश्नोई समाज के लोग गोली का शिकार हो गए। वृक्ष की रक्षा के लिए तो सदियों पहले अमृतादेवी ने अपनी जान दे दी थी।
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के अध्यक्ष देवेंदर बुढिया ने तो बाकायदा मोदी को सभा के तरफ से खत लिखकर इस पर एतराज किया है। खत के बोल मोदी का कलेजा छील देंगे क्योंकि अभी राजस्थान में चुनाव होने है जहा काफी बिश्नोई है।
खत में लिखा है कि चूकि बिश्नोई समाज पिछली पांच शताब्दियों से पर्यावरण, प्रकर्ति, एवं वनजीवों के रक्षा श्री गुरु जम्भेश्वर भगवान के दिए हुए सिधान्तो पर चलते हुए करता आया है और इसलिए वे आहत है। आगे उन्होंने कहा है कि बिश्नोई समाज जीवो की रक्षा हेतू प्राणो के आहुति देता आया है, इसलिए विलुप्त होती इस प्रजाति को बचाया जाये एवं समाज की भावनाओं का सम्मान करते हुए चीतों के लिए चीतल परोसने के अवैज्ञानिक और संवेदनहीन आदेश को तुरंत निरस्त करे।
अब छप्पन इंच के सीने वाला मोदी अपना फैसला वापिस लेता है तो उसकी किरकिरी होगी और चीते भी नाराज होंगे। नहीं लेता तो राजस्थान और हरियाणा के आदमपुर असेंबली सीट के उपचुनाव में कुलदीप बिश्नोई का क्या होगा, शायद राम भी नहीं जानता। कुलदीप बिशनोई , समाज का संरक्षक है और समाज के नाम से राजनीती करता है। आदमपुर में काफी बिश्नोई है। क्या कुलदीप भी मोदी के इस फैसले का विरोध करेगा?
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