गुस्ताखी माफ़ हरियाणा: ये तो बालाजी जोशी, अमित अग्रवाल और टीसी गुप्ता के साथ बहुत ज्यादती है साम्भा।

गुस्ताखी माफ़ हरियाणा: ये तो बालाजी जोशी, अमित अग्रवाल और टीसी गुप्ता के साथ बहुत ज्यादती है साम्भा।

पवन कुमार बंसल।

ये तो बालाजी जोशी, अमित अग्रवाल और टीसी गुप्ता के साथ बहुत ज्यादती है साम्भा। कल पंचकूला में हो रहे राज्य स्तरीय गुड गवर्नेंस दिवस समारोह में तीनो को ही सम्मानित नहीं किया जा रहा। ‘गुस्ताखी माफ़ हरियाणा ‘ को कल हो रहे समारोह में सम्मानित होने वाले अफसरों और कर्मचारियों की सूचि मिली तो पढ़कर माथा ठनक गया।

यकीन ही नहीं हो रहा था की मनोहर लाल की निगाह से “गुड गवर्नेंस ” के ये तीनो नायब हीरे कैसे छूट गए। सूचि का कई बार अध्ययन किया लेकिन उनका नाम नहीं देख हैरानी हुई। वैसे अपने का तो यह मानना है की हरियाणा में जिस तरह का प्रशाशन है उसे देखते हुए ‘गुड गवर्नेंस डे ” की बजाए ‘बेड गवर्नेंस डे ‘ मनाना चाहिए।

कल पुरस्कार देते वक्त मनोहर लाल को पछतावा तो बहुत होगा की “गुड गवर्नेंस ” के उनके ये खास हीरे यानि गुप्ता जी अमित अग्रवाल और बाला जी को सम्मानित क्यों नहीं कर रहा हूँ ?राइट टू सर्विस कमीशन श्रेणी में जॉइंट डायरेक्टर मीनाक्षी राज सहित चार अफसरों को पुरस्कृत किया जाना है। भाई कमीशन के चेयरमैन जनाब गुप्ता साहिब को क्यों भूल गए ?गुप्ता जी की इसी काबिलियत को देख कर तो मनोहर लाल ने उन्हें कमीशन का चेयरमैन बनाया था। यहाँ तक जब मनोहर ने मोदी से मुलाक़ात की थी वहा भी गुप्ता जी द्वारा त्यार एक सॉफ्टवेयर की तारीफ की थी।

अब चर्चा बाला जी की।
मनोहर लाल जी , उन्होंने तो गुड गवर्नेंस के फील्ड में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण में राम राज्य ला दिया है। उन की इसी काबिलियत को आधार बना कर तो आप उन्हें ,उनके नए काडर पंजाब में नहीं भेज रहे। बाकायदा भगवंत मान को चिट्ठी लिखकर अरदास की है के बालाजी के बिना तो हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण अनाथ हो जायेगा। यहाँ बालाजी रामराज्य लाने में जुटे है।

लोक सम्पर्क महकमे के श्रेणी में आदित्य चौधरी सहित तीन मझोले अफसरों को सम्मानित किया जाएगा। यह तो ठीक है लेकिन सम्मान के असली हकदार तो अमित अग्रवाल है जिन्होंने बंसी की धुन पर सारे मीडिया को इस कदर मोहित कर बेहोश कर रखा है के सावन के अंधे की तरह उन्हें हरा-हरा ही दिखता . है। याशी कंपनी कंपनी की प्रॉपर्टी आई डी की रिपोर्ट जिसका दर्द जनता भुगत रही है मीडिया को दिखती नहीं।
अब हो सकता है की मनोहर लाल इन आधुनिक भारत के अपने इन इन तीन बंदरों को पद्मश्री दिलवाना चाहते हो।

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