वॉशिंगटन / चंडीगढ़ : पंजाब में हुए ग्रेनेड हमलों और आतंकवादी साजिशों में वांछित भारतीय मूल के हरप्रीत सिंह उर्फ ‘हैप्पी पासिया’ को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया है। शुक्रवार को एफबीआई (फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) ने X पर पोस्ट के जरिए जानकारी दी कि उसे सैक्रामेंटो, कैलिफ़ोर्निया में एनफोर्समेंट एंड रिमूवल ऑपरेशंस (ERO) की मदद से पकड़ा गया।
एफबीआई ने हरप्रीत सिंह को एक “कथित आतंकवादी” बताया है, जिसका संबंध दो अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों से है। जानकारी के मुताबिक वह अमेरिका में अवैध रूप से रह रहा था और लंबे समय से गिरफ्तारी से बचने के लिए बर्नर फोनों का इस्तेमाल कर रहा था।
भारत के पंजाब राज्य में साल 2024 में हुए चंडीगढ़ ग्रेनेड हमले के मामले में हरप्रीत सिंह की तलाश की जा रही थी। इस हमले में कई लोगों के घायल होने की खबर थी और इसे एक संगठित चरमपंथी साजिश माना गया था। भारतीय जांच एजेंसियां पहले ही हरप्रीत सिंह को इस हमले का मुख्य साज़िशकर्ता मान चुकी हैं।
इस साल जनवरी 2025 में भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने हरप्रीत सिंह की जानकारी देने वाले को ₹5 लाख का इनाम देने की घोषणा की थी। उनका नाम आतंकवाद और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल कई मामलों में सामने आ चुका है।
अमेरिकी एजेंसियों ने पुष्टि की कि हरप्रीत सिंह भारत के पंजाब में आतंक फैलाने के प्रयासों में शामिल था, और उसे एक उच्च-जोखिम वाले भगोड़े के रूप में देखा जा रहा था। हालांकि, अभी तक हरप्रीत सिंह ने इन आरोपों पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या हरप्रीत सिंह को भारत को प्रत्यर्पित किया जाएगा या नहीं। भारत की एजेंसियां इसकी प्रक्रिया में पहले से सक्रिय हैं और माना जा रहा है कि अमेरिका के साथ कानूनी समन्वय के तहत प्रत्यर्पण (Extradition) की कार्रवाई जल्द शुरू की जा सकती है।
हरप्रीत सिंह की गिरफ्तारी से यह साफ हो गया है कि अंतरराष्ट्रीय धरातल पर आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों पर अब पहले से ज्यादा नज़र रखी जा रही है। यह घटना भारत-अमेरिका सहयोग का एक अहम उदाहरण बन सकती है, खासकर जब आतंकवाद के खिलाफ सख्त और समन्वित कार्रवाई की बात हो।
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