हरियाणा की खट्टर सरकार ने सिंगल वर्किंग मेल पेरेंट को दी सौगात, अब बच्चों की परवरिश के लिए ले सकेंगे 2 साल की छुट्टी
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 16दिसंबर। हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने बुधवार को चाइल्ड केयर लीव को लेकर एक बड़ा फैसला किया. सरकार की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक राज्य में अब सिंगल वर्किंग मेल पेरेंट अपनी पूरी सेवा के दौरान बच्चों की देखभाल के लिए 2 साल तक की छुट्टी ले सकते हैं. पहले इस छुट्टी का विशेषाधिकार सिर्फ महिला कर्मियों को ही प्राप्त था. बुधवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूर किये गए हरियाणा सिविल सेवा (अवकाश) नियमावली, 2016 के संशोधन मसौदा के तहत इस तरह की छुट्टी के लिए पुरुष कर्मी अविवाहित, विधुर, तलाकशुद हो सकता है.
संशोधन के अनुसार, एकल पुरुष सरकारी कर्मचारी (अविवाहित, विधुर या तलाकशुदा) और महिला सरकारी कर्मचारी केवल 18 वर्ष की आयु तक के अपने दो बड़े जीवित बालकों की देखभाल के लिए संपूर्ण सेवाकाल के दौरान अधिकतम दो साल (यानी 730 दिन) की अवधि के लिए चाइल्ड केयर लीव का लाभ उठा सकते हैं। — DPR Haryana (@DiprHaryana)
महिलाओं को मिलती है 730 दिनों की छुट्टी
मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार, महिलाओं की भांति पुरुष अपने दो सबसे बड़े बच्चों (उनकी 18 साल की उम्र तक) देखभाल करने के लिए 730 दिनों की छुट्टी ले सकते हैं. सरकारी बयान में इसकी जानकारी दी गई है.
मंत्रिमंडल ने लिए कई फैसले
इसके अलावा हरियाणा मंत्रिमंडल ने बुधवार को समान प्रकृति के काम वाले कुछ विभागों के विलय और पुनर्गठन को मंजूरी दे दी. आधिकारिक बयान में कहा गया कि इसका उद्देश्य इन विभागों के कामकाज में तालमेल बिठाकर काम को सुव्यवस्थित करना और प्रशासनिक दक्षता में सुधार करना है. बयान में कहा गया कि निदेशालय, सेवाएं और प्राधिकरण पहले की तरह ही काम करते रहेंगे और वरिष्ठता संबंधी कानूनी मुद्दों से बचने के लिए वर्तमान में किसी भी कर्मचारी संवर्ग का विलय नहीं किया जाएगा. मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.
इन विभागों का हुआ विलय
मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार, अब नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभागों का विलय विद्युत विभाग में कर दिया गया है और इसे ऊर्जा विभाग के नाम से जाना जाएगा. इसी प्रकार अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग का विलय किया गया है. इसे अब सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण और अंत्योदय विभाग के रूप में जाना जाएगा. इसी तरह, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग का ‘उच्च शिक्षा विभाग’ नाम से एक एकल विभाग में विलय कर दिया गया है. मंत्रिमंडल ने कई अन्य विभागों का भी विलय किया है.
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