समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 10 जुलाई। 44वां बहुदा यात्रा महोत्सव नई दिल्ली में हौज खास गांव में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के मुख्य जगन्नाथ मंदिर में धूमधाम और आध्यात्मिक उत्साह के बीच आयोजित किया गया।
मंदिर के पुजारियों द्वारा सुबह के शुरुआती घंटों में सभी धार्मिक अनुष्ठान अत्यंत गंभीरता के साथ किए गए।
चार देवताओं को मंदिर के तहखाने में मौसी के घर से एक पहाडी जुलूस में मंदिर के सामने ग्रैंड रोड पर स्थित सुंदर और रंगीन ढंग से सजाए गए रथ में लगभग 3.30 बजे ले जाया गया।
प्रसिद्ध परोपकारी और मंदिर प्रबंधन समिति के सचिव श्री नीलाचल सेवा संघ रवीन्द्र नाथ प्रधान ने छर्रा पहनरा नामक रथ की पारम्परिक झाड़ू-पोंछा करते हुए भजन गायन, हरि बोल, जय जगन्नाथ जैसे नारे लगाते हुए, घंटा, मरदाला जैसे वाद्य यंत्रों की धुन बजाई।
तब भक्तों द्वारा रथ को श्री जगन्नाथ मार्ग में श्री अरबिंदो प्लेस बाजार तक खींचा गया और फिर शाम को कीर्तन और भजनों और जनों के गायन के बीच मंदिर परिसर में लौट आया।
दिल्ली की सड़कों पर अपने प्रवास के दौरान शाही रथ से ट्रिनिटी का दृश्य महत्वपूर्ण और मंत्रमुग्ध कर देने वाला था। जनता के दर्शन के लिए देर रात तक देवता रथ पर विराजमान रहे।
रात करीब 10 बजे चारों देवताओं को नाट्यमंडप ले जाया गया।
मंदिर प्रबंधन समिति के अनुसार, देवता निलाद्री बीजे तक नाट्य मंडप में रहेंगे। चूंकि दिल्ली में छुट्टी थी और मौसम बादल और सुहावना था, पवित्र त्योहार को देखने के लिए लगभग 20,000 लोग हौज खास गांव में एकत्रित हुए।
मंदिर प्रबंधन समिति की कोर टीम द्वारा पूरी व्यवस्था को अच्छी तरह से प्रबंधित और सुचारू रूप से निष्पादित किया गया था, जिसमें सचिव रवींद्र नाथ प्रधान और अभय प्रधान, अशोक प्रधान (ए), खिरोद पात्रा, गजेंद्र सामंत, अभिराम सुतार, अशोक प्रधान (बी) जैसे सदस्य शामिल थे।
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