स्वास्थ्य मंत्रालय की ई-संजीवनी ने पूरे किए 1.3 करोड़ परामर्श, हर दिन ई-संजीवनी का उपयोग कर रहे लगभग 90,000 रोगी
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ई-संजीवनी पहल ने आज 1.3 करोड़ (13 मिलियन) परामर्श पूरे किए। ई-संजीवनी भारत सरकार की टेलीमेडिसिन संबंधी पहल है। स्वास्थ्य सेवा वितरण के एक डिजिटल मंच के रूप में, यह पहल धीरे-धीरे भारतीय स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली के लिए एक समानांतर धारा के रूप में आकार ले चुकी है। आज हर दिन लगभग 90,000 रोगी इस मंच का उपयोग करते हैं। ई-संजीवनी के दो संस्करण हैं जो पूरे भारत में दूरस्थ चिकित्सा परामर्श प्रदान कर रहे हैं। इनमें- डॉक्टर से डॉक्टर (ई-संजीवनीएबी-एचडब्ल्यूसी) और रोगी से डॉक्टर (ई-संजीवनीओपीडी) शामिल हैं।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा नवंबर 2019 में पेश किए ई-संजीवनीएबी-एचडब्ल्यूसी को भारत सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत दिसंबर 2022 तक ‘हब एंड स्पोक’ मॉडल में 1,55,000 स्वास्थ्य और सेहत केंद्रों पर लागू करने की योजना है। ई-संजीवनीएबी-एचडब्ल्यूसी वर्तमान में 27,000 से अधिक स्वास्थ्य और सेहत केंद्रों पर कार्य कर रहा है और ये स्पोक जिला अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों आदि में स्थित लगभग 3,000 हब द्वारा प्रदान किए जा रहे हैं।
इस विशाल टेलीमेडिसिन पहल का दूसरा संस्करण, ई-संजीवनीओपीडी 13 अप्रैल, 2020 को पहले लॉकडाउन के दौरान शुरू किया गया था, जब देश भर में ओपीडी बंद थे। यह पहल रोगियों को उनके घरों की चारदीवारी में आउट पेशेंट सेवाओं तक पहुंच प्रदान करती है। ई-संजीवनीओपीडी पर 430 से अधिक ऑनलाइन ओपीडी की मेजबानी की जाती है। ई-संजीवनी मंच पर 4,000 से अधिक डॉक्टर टेलीमेडिसिन का अभ्यास करते हैं। सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग की मोहाली शाखा स्वास्थ्य कर्मियों के विकास, कार्यान्वयन, संचालन और प्रशिक्षण जैसी एंड-टू-एंड तकनीकी सेवाएं प्रदान कर रही है। मोहाली की यह टीम अपने तरह के इस पहले मंच की क्षमता बढ़ाने पर काम कर रही है, जो एक शानदार गति से बढ़ रहा है।
ई-संजीवनी को अपनाने (1,34,11,325) के मामले में अग्रणी 10 राज्यों में – आंध्र प्रदेश (42,23,054), कर्नाटक (24,15,774), तमिलनाडु (15,99,283), उत्तर प्रदेश (13,71,799), गुजरात (4,85,735), मध्य प्रदेश (4,47,878), बिहार (4,36,383), महाराष्ट्र (4,03,376), पश्चिम बंगाल (3,69,441), उत्तराखंड (2,71,513) शामिल हैं।
Comments are closed.