समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 24दिसंबर। केंद्रीय नागर विमानन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को कहा कि स्वास्थ्य सेवा मोदी सरकार के प्रमुख फोकस क्षेत्रों में से एक रहा है। उन्होंने आज नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा के लिए समग्र दृष्टिकोण के साथ, सरकार रोग के लिए जिम्मेदार कारकों को समाप्त करके और रोगों के उपचार को समावेशी बनाकर स्वास्थ्य के साथ-साथ कल्याण पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने आगे कहा, भारत में स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछले 7-8 वर्षों में जितना काम हुआ है, उतना काम पिछले 70 वर्षों में नहीं हुआ था।
सिंधिया ने कहा कि पिछले 8 साल स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे के विकास, हर भारतीय के लिए सस्ती व गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने और इस क्षेत्र के साथ प्रौद्योगिकी को एकीकृत करना दिखाते हैं। भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में विभिन्न मोर्चों पर सुधार की जारी है और उसका सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। इनमें सस्ते उपचार व दवाइयां देना, ग्रामीण स्तर पर आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं, मानव संसाधन का विकास, निवारक स्वास्थ्य देखभाल का प्रचार और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच बढ़ाने के लिए तकनीक का उपयोग शामिल है। सस्ते उपचार व दवाइयां उपलब्ध कराने को लेकर श्री सिंधिया ने कहा कि मोदी सरकार स्वास्थ्य सेवा में ‘अंत्योदय’ की सोच को कार्यान्वित करके गुणवत्तापूर्ण आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं और सस्ती दवाओं तक पहुंच सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत के तहत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) पूरी तरह से सरकार द्वारा वित्तपोषित विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है। प्रधानमंत्री- जेएवाई सेकेंडरी और तृतीयक अस्पताल में भर्ती के लिए लगभग 10.74 करोड़ गरीब व कमजोर परिवारों (लगभग 50 करोड़ लाभार्थी) को कवर कर रहा है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान कार्डों की संख्या 17.6 करोड़ है और 28,800 से अधिक सरकारी व निजी अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है। प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएम बीजेपी) योजना पर उन्होंने कहा कि यह पूरे भारत में लगभग 8,800 जन औषधि फार्मेसी दुकानों में 1,800 से अधिक सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित कर रहा है।
सिंधिया ने कहा, “आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र को स्वास्थ्य पर ध्यान देने और समुदाय के नजदीक स्वास्थ्य सेवाओं के वितरण के साथ स्थायी प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के उद्देश्य से निर्माण किया जा रहा है। हमारे गांवों में परीक्षण की बेहतर सुविधा होने से सही समय पर उपचार के लिए रोगों का पता चल सकेगा।” उन्होंने आगे कहा कि 2014 से पहले देश में 400 से कम मेडिकल कॉलेज थे, वहीं पिछले आठ वर्षों में देश में 200 से अधिक नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण हुआ है। भारत सरकार ने इसे सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा दिया है कि यह सभी की पहुंच में हो। 2014 से पहले केवल सात एम्स थे, जो स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे थे। केंद्रीय क्षेत्र की योजना के तहत नए एम्स की स्थापना के लिए 22 एम्स को मंजूरी दी गई है।
सिंधिया ने बताया कि योग और आयुष को लेकर देश में अद्वितीय जागरूकता आई है। विश्व में योग को लेकर आकर्षण बढ़ा है। स्वच्छ भारत अभियान ने कई रोगों की रोकथाम में सहायता की है। पोषण अभियान और जल जीवन मिशन कुपोषण को नियंत्रित करने में सहायता कर रहे हैं।
सिंधिया ने कहा कि तकनीक के उपयोग से सुदूर गांव में रहने वाला कोई व्यक्ति भी शहरों में स्थित चिकित्सकों से शुरुआती परामर्श प्राप्त कर सकता है। राष्ट्रीय टेली-मेडिसिन सेवा- ई-संजीवनी ने आईसीटी का उपयोग सुदूर क्षेत्र में स्थित रोगियों के डायग्नोसिस (नैदानिकी), उपचार और प्रबंधन को सक्षम करने के लिए किया है। भारत के एकीकृत डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की सहायता करने के लिए एक मजबूत डिजिटल प्रौद्योगिकी आधार विकसित करने के उद्देश्य से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन शुरू किया गया है।
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