सुप्रीम कोर्ट में वायु प्रदूषण के हालात पर हुई सुनवाई, विश्व के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में भारत के तीन शहर
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13नवंबर। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का कहर जारी है। इसी बीच शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में वायु प्रदूषण के हालात पर सुनवाई हुई। केंद्र सरकार कि ओर से सॉलिसीटर जनरल ने उठाए गए कदमों को बताना शुरू किया। इस दौरान सीजेआई ने एसजी से कहा कि आप ऐसा प्रोजैक्शन कर रहे हैं कि पूरे प्रदूषण के लिए किसान जिम्मेदार हैं। जस्टिस सूर्यकांत ने केंद्र सरकार से सवाल पूछा कि पराली और कचरा प्रबंधन कि मशीनें इतनी महंगी हैं कि किसाने उन्हें खरीद नहीं सकते। केंद्र और राज्य यह मशीनें क्यों नहीं मुहैया कराते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील तुषार मेहता से कहा कि प्रदूषण का स्तर बेहद खराब हो गया है। लोग अपने घरों में मास्क लगा कर बैठ रहे हैं। केंद्र सरकार की तरफ से प्रदूषण को रोकने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए? CJI ने केंद्र सरकार से पूछा कि पराली को लेकर क्या कदम उठाया गया है?
इस पर केंद्र की ओर से कोर्ट में चार्ट पेश किया गया। इसमें प्रदूषण को लेकर उठाए गए कदम की जानकारी सुप्रीम कोर्ट को दी गई। कोर्ट ने पराली हटाने और सब्सिडी को लेकर सॉलिसिटर जनरल से जानकारी मांगी। पूछा आखिर किसानों को क्या नुकसान है?
वहीं चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा, मैं यह नहीं बताना चाहता कि प्रदूषण पर पराली जलाने का कितना असर है और बाकी पटाखे, वाहन, डस्ट और निर्माण का योगदान है। आप हमें बताएं कि प्रदूषण पर नियंत्रण के तत्काल उपाय क्या हैं। सीजेआई ने कहा, अगर संभव हो तो दो दिन का लॉकडाउन लगा दें।
सीजेआई रमन्ना ने केंद्र से कहा, हालात कितने खराब हैं आप जानते हैं। पराली जलाने से हालात खराब हुए हैं। इसे रोकने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है। इसपर तुषार मेहता ने बताया कि केंद्र सब्सिडी पर मशीनें दे रही है। जस्टिस सूर्यकांत ने पूछा कि इनका रेट क्या है। मैं किसान हूं, सीजेआई भी किसान हैं। हम जानते है कि क्या होता है? इस पर तुषार मेहता ने कहा, 80 फीसदी सब्सिडी जी जाती है।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि केंद्र किसानों से पराली लेकर उद्योगों को क्यों नहीं देता? कोर्ट ने केंद्र से हरियाणा में बायो डिकमपोजर इस्तेमाल करने वाले किसानों और जमीन का प्रतिशत पूछा? केंद्र की ओर से आंकड़े पेश किए गए।
बता दें कि विश्व के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों तीन भारतीय शहरों के नाम भी दर्ज हैं।
दुनियाभर के एयर क्वालिटी इंडेक्स पर निगरानी रखने वाली संस्था आईक्यू एयर (IQ Air) के आंकड़ों पर गौर करें, तो शुक्रवार को देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली पहले स्थान पर है। वहीं दूसरा स्थान पाकिस्तान के लाहौर का है। इसी तरह बुल्गारिया का सोफिया तीसरे और भारत का कोलकाता चौथे स्थान पर है।
आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार को दुनिया के टॉप टेन शहरों में दिल्ली पहले नंबर पर था, यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक 556 था, तो कोलकाता 177 एक्यूआई के साथ चौथे नंबर पर था। इसके अलावा मुंबई छठे नंबर पर दर्ज किया गया। यहां का एक्यूआई 169 रहा।
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