शेयर बाजार में भारी गिरावट: सेंसेक्स-निफ्टी धड़ाम, गौतम अडानी की संपत्ति को बड़ा झटका

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,21 नवम्बर।
गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ। सेंसेक्स और निफ्टी ने दिन की शुरुआत तेज गिरावट के साथ की, जिसने बाजार में चिंता बढ़ा दी। इस बीच, भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनियों के शेयरों में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली, जिससे उनकी संपत्ति पर सीधा असर पड़ा है।

सेंसेक्स-निफ्टी में गिरावट

  • गुरुवार को सेंसेक्स करीब 500 अंकों की गिरावट के साथ खुला और दिनभर अस्थिर रहा।
  • निफ्टी भी 16,000 के करीब फिसल गया, जिससे निवेशकों का विश्वास डगमगाता दिखा।
  • बैंकिंग, आईटी, मेटल और रियल एस्टेट सेक्टर में भारी बिकवाली देखी गई।

गौतम अडानी की संपत्ति को झटका

गौतम अडानी, जो हाल ही में एशिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक बने थे, उनकी संपत्ति में इस गिरावट के कारण भारी नुकसान हुआ।

  • अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में 5-7% तक की गिरावट दर्ज की गई।
  • अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स, और अडानी ग्रीन के शेयरों में गिरावट ने उनके कुल मार्केट कैप को हजारों करोड़ का नुकसान पहुंचाया।

गिरावट के कारण

  1. अंतरराष्ट्रीय बाजारों का असर:
    अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने की संभावना ने वैश्विक बाजारों पर दबाव बनाया है, जिसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा।
  2. कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी:
    अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने से निवेशकों में भय का माहौल है।
  3. फॉरेन इन्वेस्टर्स की बिकवाली:
    विदेशी निवेशकों ने बड़े पैमाने पर भारतीय शेयरों को बेचने का काम किया, जिससे बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
  4. मौसमी गिरावट:
    साल के अंत में आमतौर पर बाजार में अस्थिरता देखी जाती है, क्योंकि निवेशक अपने पोर्टफोलियो में बदलाव करते हैं।

निवेशकों के लिए चेतावनी

इस भारी गिरावट ने छोटे और मध्यम निवेशकों को खासा नुकसान पहुंचाया है। विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में जल्दबाजी में फैसला लेने से बचना चाहिए।

  • निवेशकों को लॉन्ग-टर्म रणनीति अपनानी चाहिए।
  • शेयरों की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखकर सोच-समझकर निवेश करना जरूरी है।
  • म्यूचुअल फंड और ब्लू-चिप स्टॉक्स में निवेश करना सुरक्षित हो सकता है।

अडानी ग्रुप पर असर

अडानी ग्रुप, जो हाल ही में हिंडनबर्ग रिपोर्ट विवाद से उबरने की कोशिश कर रहा था, के लिए यह गिरावट बड़ा झटका है।

  • इस गिरावट से ग्रुप की साख और वित्तीय स्थिति पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
  • निवेशकों का भरोसा वापस पाने के लिए ग्रुप को मजबूत वित्तीय प्रदर्शन दिखाना होगा।

भविष्य की उम्मीदें

विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार की यह गिरावट अस्थायी है और लंबी अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती बाजार को स्थिर कर सकती है।

  • सरकार द्वारा लिए गए आर्थिक सुधारों और फंडामेंटल स्ट्रेंथ के चलते बाजार में वापसी की संभावना बनी हुई है।
  • निवेशकों को धैर्य रखने और आर्थिक आंकड़ों पर नजर बनाए रखने की सलाह दी जा रही है।

निष्कर्ष

गुरुवार को शेयर बाजार में आई गिरावट ने निवेशकों और कंपनियों के साथ-साथ गौतम अडानी जैसे प्रमुख उद्योगपतियों को भी बड़ा नुकसान पहुंचाया है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय बाजार की मूलभूत संरचना मजबूत है और यह गिरावट जल्द ही खत्म हो सकती है। निवेशकों को इस समय सतर्कता और संयम बनाए रखने की जरूरत है।

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