हेमंत ढिंकर मजूमदार ने ओडिशा केंद्रीय विश्वविद्यालय में इतिहास शोध, एनईपी 2020 पर प्रकाश डाला

समग्र समाचार सेवा
कोरापुट, 15 जुलाई। 11 जुलाई, 2024 को ओडिशा केंद्रीय विश्वविद्यालय, कोरापुट में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें सम्मानित संकाय सदस्य और विश्वविद्यालय के अधिकारी एक साथ आए। कुलपति, प्रोफेसर चक्रधर त्रिपाठी और कार्यवाहक रजिस्ट्रार, प्रोफेसर नरसिंह चरण पांडा, विभिन्न विभागों के संकाय के साथ उपस्थित थे।

कार्यक्रम की शुरुआत कुलपति प्रोफेसर त्रिपाठी द्वारा ऐतिहासिक संकलन योजना के राष्ट्रीय सचिव और संपर्क प्रमुख का गर्मजोशी से स्वागत करने के साथ हुई, जिन्होंने उन्हें शॉल और फूलों का गुलदस्ता भेंट किया। इसके बाद, उपस्थित लोगों ने अपनी मूल भाषाओं और बोलियों में अपना परिचय दिया, जिससे उपस्थित सभी के लिए एक अनूठा और सुखद अनुभव हुआ।

अखिल भारतीय ऐतिहासिक संकलन योजना, नई दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव हेमंत ढिंकर मजूमदार ने कई प्रमुख विषयों पर एक व्यावहारिक प्रस्तुति दी। इनमें सरस्वती नदी शोध अभियान, आर्यन आक्रमण सिद्धांत, एनईपी 2020 के तहत इतिहास पाठ्यक्रम में बदलाव और ऐतिहासिक संकलन योजना की गतिविधियाँ शामिल थीं।

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ऐतिहासिक संकलन योजना के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख कमलेश दाश ने भी सभा को संबोधित किया। उन्होंने अमृत महोत्सव, गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और वीर सावरकर पर चर्चा की और उनके महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला।

इस कार्यक्रम में भारतीय इतिहास संकलन समिति, ओडिशा पश्चिमी प्रांत के कोषाध्यक्ष श्री बिभुदत्त महापात्रा की उपस्थिति रही। बैठक का समापन अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने कुलपति, अतिथि वक्ताओं और उपस्थित लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया।

संस्कृत विभाग के आचार्य द्वारा कल्याण मंत्र के उच्चारण के साथ सत्र का समापन शुभ अवसर पर हुआ।

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